नई दिल्ली: ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान लाल क़िले पर हुई हिंसा के बाद किसानों किसानों का धरना कमजोर पड़ने लगा है, लेकिन दिल्ली-उत्तर प्रदेश (Delhi-UP) के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का रोना टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और देर रात एक बार फिर किसान जमा होने लगे.


Zee News के रिपोर्टर के साथ हुई बदतमीजी


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गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसानों ने Zee News के रिपोर्टर अभिषेक कुमार के साथ रिपोर्टिंग के दौरान बदतमीजी की और धमकी देते हुए कहा किसानों ने कहा कि यहां से चले जाओ. तुम यहां नहीं आ सकते. रिपोर्टिंग से रोकना बड़ा सवाल खड़ा करता है. क्या आंदोलनकारियों ने ज़ी न्यूज़ के खिलाफ साजिश रची है या निशाना बनाने का प्लान बनाया है?


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राकेश टिकैत को गिरफ्तार किए बिना लौटी पुलिस


गाजियाबाद प्रशासन ने किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टीमेटम दिया था और किसान बॉर्डर खाली करने की तैयारी में लगे थे, लेकिन बाद में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आंसू छलकाते हुए किसानों से भावुक अपील की और माहौल बदल गया. इसके बाद पुलिस फोर्स को देर रात बैरंग वापस लौटना पड़ा.


देर रात गाजीपुर बॉर्डर पर जमा हुए किसान


राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखने पर अड़ गए और कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो यहीं खुदकुशी कर लूंगा. उनकी अपील के बाद आधी रात को पश्चिमी यूपी के किसान गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे और रात में ही भीड़ जुटने लगी.