Rahul Gandhi News: भाजपा और एनडीए के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर लगातार हमलावर हैं. राहुल गांधी की घेराबंद पर तमतमाए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए बयानों पर आपत्ति जताई है. खड़गे ने अपनी चिट्ठी में कहा, "मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ऐसे नेताओं को अनुशासन और शिष्टाचार के माध्यम से नियंत्रित करें. ऐसे बयानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारत की राजनीति को पतन से बचाया जा सके."


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प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए..


खड़गे ने इस पत्र में भाजपा नेताओं के बयानों को निंदनीय बताया और कहा कि यह न केवल राहुल गांधी बल्कि पूरे विपक्ष के नेताओं के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी है. जो देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसे बयानों पर रोक लगानी चाहिए, जिससे राजनीति में गरिमा बनी रहे.



नेताओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए..


खड़गे ने यह भी कहा कि देश की राजनीति को एक स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता है और इस प्रकार के बयानबाजी से न केवल राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि देश की राजनीति का स्तर भी गिरता है. उन्होंने मांग की कि ऐसे नेताओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.


खड़गे का पीएम मोदी को खत


सबसे पहले मैं आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूं.
इसके साथ ही ऐसे मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है.
आप अवगत होंगे कि लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है.
मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है. विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को "नंबर एक आतंकवादी" कह रहे हैं. महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की " जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम" देने की घोषणा कर रहे है. दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं.
भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है. इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया. गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था. आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है. इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढाने का काम किया.
कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं. क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है. सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है.
मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूँ कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगायें. उचित आचरण का निर्देश दें. ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके. कोई अनहोनी न हो.
मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे.


राहुल के बयान पर गरमाई है राजनीति


राहुल गांधी ने सोमवार को वर्जीनिया के हर्डन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में मुख्य लड़ाई इस बात की है कि क्या सिखों को उनकी धार्मिक पहचान बनाए रखने की अनुमति मिलेगी, जैसे पगड़ी पहनने, कड़ा पहनने या गुरुद्वारे जाने की स्वतंत्रता. उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई केवल सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए है. इस बयान का खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने समर्थन किया है. पन्नू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में राहुल गांधी के बयान को न केवल साहसिक और अग्रणी बताया, बल्कि इसे 1947 से भारत में सिखों की स्थिति का सच्चा चित्रण भी बताया. पन्नू ने कहा कि गांधी का बयान खालिस्तान की स्थापना के लिए पंजाब के स्वतंत्रता जनमत संग्रह के औचित्य की पुष्टि करता है, जिसे वह और उनका समूह, सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ), समर्थन करते हैं. SFJ पन्नू द्वारा संचालित एक अमेरिका स्थित संगठन है.