नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Economic Survey) पेश किए जाने के बाद देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम (Krishnamurthy Subramanian) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण का पहले अध्याय कोविड वॉरियर्स को डेडिकेट है. 



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सुब्रमण्यम ने कहा कि महामारी से जंग में भारत ने जीवन और जिविका बचाने पर ध्यान केंद्रित किया. भारत ने समझा कि GDP ग्रोथ रिकवरी हो जाएगी लेकिन एक जीवन को वापस नहीं लाया जा सकेगा. पॉलिसी रिस्पॉन्स की वजह से भारत इस महामारी का ठीक से सामना कर पाया. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन ने मृत्यु दर कम करने में अहम भूमिका निभाई है. PMJDY ने इस दौरान बहुत मदद की.


कृषि क्षेत्र में लगातार हो रही वृद्धि


इसके साथ ही 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में रिकॉर्ड 7.7% की गिरावट का अनुमान जताया गया है. भारत में इससे पहले GDP में 1979-80 में सबसे अधिक 5.2% का कॉन्ट्रैक्शन हुआ था. आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में ये भी कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि जारी है, जबकि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सेवा, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए.


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11 प्रतिशत तक बढ़ सकता है GDP


महामारी के चलते 2020-21 में अनुमानित 7.7% कॉन्ट्रैक्शन के बाद भारत का वास्तविक GDP 2021-22 में 11% और वर्तमान बाजार मूल्य पर GDP 15.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है. वहीं वैक्सीन दिए जाने और आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के साथ ही ये अनुमान बढ़ भी सकते हैं. बताते चलें कि पीसी की शुरुआत करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वेक्षण लॉन्च कर दिया है. आज सुबह पहले इसे संसद में पेश किया गया था. 


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क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?


आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पिछले एक साल की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट होती है, जिसमें अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख चुनौतियों और उनसे निपटने का जिक्र होता है. आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में इस दस्तावेज को तैयार किया जाता है. फिर इसी इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में देश की अर्थव्यवस्था के अंदर किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.


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