Supreme Court judges plan private holiday in Andhra Pradesh: देश में पहली बार  भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और 24 अन्य न्यायाधीश अपने परिवारों के साथ विशाखापत्तनम की यात्रा करेंगे. इस पहल की शुरुआत मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने की है और 24 न्यायाधीश और उनके परिवार के सदस्य अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ उठाते हुए अपने खर्च पर यात्रा करेंगे, जिसका लाभ न्यायाधीशों सहित सुप्रीम कोर्ट के सभी कर्मचारी उठा सकते हैं. वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 33 न्यायाधीश (मुख्य न्यायाधीश सहित) हैं.


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11 और 12 जनवरी को लेंगे लीव
न्यायाधीशों की बैठक 11 और 12 जनवरी को होगी और सुप्रीम कोर्ट के कुछ न्यायाधीश विशाखापत्तनम में रहेंगे जबकि अन्य चले जाएंगे. मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश दिल्ली के बाहर बैठक करना चाहते थे ताकि न्यायाधीशों को तनाव मुक्त माहौल मिल सके.


25 जज एक साथ छुट्टी पर
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित सुप्रीम कोर्ट के 25 न्यायाधीश आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम जा रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय में कुल 32 न्यायाधीश इस समय काम कर रहे हैं. जिसमें से 25 न्यायाधीश 10 जनवरी को विशाखापत्तनम पहुंचेंगे. संजीव खन्ना ने उच्चतम न्यायालय के 25 न्यायाधीशों और उनके जीवनसाथियों के लिए विशाखापत्तनम व निकटवर्ती अराकू घाटी के दौरे की योजना बनाई है. सूत्रों ने बताया कि 11-12 जनवरी को होने वाली इस यात्रा का उद्देश्य न्यायाधीशों को चुनौतीपूर्ण न्यायिक माहौल से अलग एक ताजगी भरा अवकाश प्रदान करना है.


आधिकारिक बातचीत नहीं होगी
प्रधान न्यायाधीश कार्यालय के करीबी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि यह दौरा पूरी तरह से निजी होगा, इसमें कोई आधिकारिक चर्चा नहीं होगी. अदालत के एक अधिकारी ने कहा, “यह दौरा परिवार के साथ समय बिताने के लिए है. न्यायाधीशों के साथ उनके जीवन साथी भी होंगे, लेकिन बच्चे नहीं होंगे.”


क्या है इसके पीछे की वजह?
सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के शीर्ष पांच न्यायाधीशों न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति अभय एस ओका में से केवल न्यायमूर्ति ओका ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण यात्रा पर नहीं जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि न्यायाधीश और उनके जीवन-साथी अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) भत्ते का उपयोग करके यात्रा करेंगे या फिर यात्रा के लिए स्वयं का पैसा खर्च करेंगे. सूत्रों से पता चला है कि प्रधान न्यायाधीश खन्ना ने दिल्ली में कामकाज के तनाव से राहत पाने के लिए यह पहल की थी. उन्होंने इस योजना का समर्थन करने वाले अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों से सलाह ली. यह तय हुआ कि न्यायाधीश खुद इस यात्रा का खर्च उठाएंगे. इनपुट भाषा से भी