Flood Situation in Purvanchal UP: गंगा, वरुणा और गोमती ने उत्तर प्रदेश में तेजी से फैलते बाढ़ के हालात को और गंभीर बना दिया है. साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं. बाढ़ के चलते यूपी के पूर्वांचल का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, हर बीतते दिन के साथ बाढ़ से बिगड़ रहे हालात का जायजा लेने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के दौरे पर पहुंचे. पूर्वांचल का सबसे बड़ा शहर बनारस बाढ़ के बिगड़े हालात की मार हर रोज झेल रहा है. ऐसे में खासतौर पर गंगा नदी के तट पर बसे इलाके और कॉलोनियां इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आए हैं.


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घाटों के आसपास के लोगों का जीवन त्रस्त


सुबह ए बनारस की पहचान, वाराणसी का अस्सी घाट इन दिनों पानी में पूरी तरह से डूब चुका है. घाटों पर स्थिति मंदिर गंगा जी के जल में पूरी तरह से जलमग्न हैं और घाटों से सटे अस्सी मोहल्ले के घरों के ग्राउड फ्लोर में पानी भर चुका है. नतीजा ये है घाट और उससे सटे रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोग अपने घर की पहली मंजिल पर शरण लिए हुए हैं.


गंगा किनारे बसता है बनारस


जलमग्न पूरे इलाके में सबसे ज्यादा अगर किसी के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है तो वो हैं नाविक. जो पिछले करीब 17 दिनों से नाव को घाट पर बांधे गंगा जी के जलस्तर के घटने का हर रोज इंतजार कर रहे हैं. नाव के रास्ते आगे बढते हुए Zee News की टीम घाट से सटे इलाकों में पहुंचे. आम दिनों में घाट के इस हिस्से में पूजा पाठ और दूसरे संस्कार संपन्न किए जाते हैं. हर रोज वहां हजारों की तादाद में पहुंचने वाले श्रद्दालुओं और पर्यटकों से घाट भरे रहते हैं. लेकिन आज की तस्वीर एकदम अलग है.


लोग दूर दराज के इलाकों से बनारस पहुंच तो गए हैं लेकिन आज की मौजूदा हालत ऐसी है कि जो प्लानिंग कर के आए थे वो संभव नही हो पा रहा है. परिवार के साथ अब घाट से घर लौटने की तैयारी में हैं. बनारस में सदा से ही गंगा आरती का बहुत महत्व रहा है. हर रोज वाराणसी के अलग-अलग घाटों पर होने वाली गंगा आरती को देखने सैकड़ों की तादाद में लोग पहुंचते हैं और गंगा आरती की नित पंरपरा वाले इस पौराणिक शहर ने आज के इस हालत में भी अपनी परंपरा बरकरार रखी है. 



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