G-20 समिट में मिले रूस और अमेरिका के विदेश मंत्री, यूक्रेन पर जारी रही रार
Russia and Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर अब भारत के G-20 सम्मेलन पर देखने को मिल रहा है. भारत में हो रही G-20 सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान कुछ विशेष बातों पर बाकि देशों की सहमति नहीं बन पाई.
G-20 Foreign Ministers Meeting India: भारत में हो रहे G-20 Summit में आज गुरुवार के दिन विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine conflict) को लेकर मतभेदों की वजह से एक साझा विज्ञप्ति जारी नहीं की जा सकी जबकि मेजबान देश भारत ने आम-सहमति बनाने के लिए कई प्रयास किए. भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज (Presidency Summary and Results Document) स्वीकार किए गए. केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Union External Affairs Minister S Jaishankar) ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दे भी बैठक में आए हैं. कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका (America) पश्चिमी जगत और रूस-चीन के बीच भारी टकराव देखने को मिल रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार दो ध्रुवों में बंटे हुए थे.
ग्लोबल साउथ की समस्याओं पर ध्यान किया केंद्रित
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर अलग-अलग धारणाएं सामने आईं हैं. उन्होंने कहा कि इस बाबत दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन सकी है. विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 का परिणाम दस्तावेज मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के जी-20 के संकल्प को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई. जयशंकर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज सुनी जाए. ग्लोबल साउथ की समस्याओं को आगे रखते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतें, खाद्यान और उर्वरकों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं. इसके उर्वरकों की उपलब्धता भी ग्लोबल साउथ के लिए गंभीर मुद्दों में से एक है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले से ही कई मुल्क कर्ज के तले दबे हुए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने की चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात
देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री से हुई है. केंद्रीय मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री से दोनों मुल्कों की मौजूदा स्थिति पर बात की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच हालत अभी भी काफी नाजुक बने हुए हैं. दोनों देशों के रिश्तों में अभी कई दिक्कतें हैं.
(इनपुट: एजेंसी)
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