शिमला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का गुरुवार तड़के निधन हो गया. वीरभद्र सिंह ने 87 साल की उम्र में शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में सुबह 3.40 बजे अंतिम सांस ली. आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने उनके निधन की पुष्टि की.


सांस लेने में दिक्कत के बाद हुए थे अस्पताल में भर्ती


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वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) को 30 अप्रैल को शिमला के आईजीएमसी में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था. वीरभद्र सिंह को सोमवार को सांस लेने में दिक्कत के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था और डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही थी.



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वीरभद्र सिंह को 2 बार हो चुका था कोरोना


वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) 13 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, जिसके बाद उन्हें मोहाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि कोरोना से ठीक होने के बाद 23 अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी और वे शिमला आ गए थे. इसके कुछ दिन बाद ही उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिसके बाद आईजीएमसी में भर्ती कराया गया, जहां 11 जून को फिर कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुआ. हालांकि वह दूसरी बार भी कोविड-19 से ठीक हो चुके थे.


काफी लंबा रहा वीरभद्र सिंह का करियर


वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है और वह 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. वीरभद्र सिंह साल 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 से 2003, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा यूपीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे. साल 1962 में पहली बार लोक सभा के लिए चुने गए वीरभद्र सिंह 5 बार संसद के सदस्य रहे थे. वह 9 बार विधान सभा के लिए भी चुने गए थे.


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