वर्ना पाकिस्तान लाहौर नहीं लखनऊ तक होता, एहसान मानिए... वक्फ बिल के खिलाफ पूर्व सांसद का विवादित बयान
Delhi Muslim Conference Controversy: वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आयोजित दिल्ली मुस्लिम कांफ्रेंस में मोहम्मद अदीब ने कहा, `हम मानते हैं कि जो लोग पाकिस्तान चले गए उन्होंने अपनी जिंदगियां बना लीं. अगर हम जिन्ना के साथ जाते और अगर हम उस वक़्त सब मुसलमान जिन्ना के साथ जाते तो फिर पाकिस्तान लाहौर तक नहीं लखनऊ तक बनता. हुकूमत को तो हमारा ये अहसान मानना चाहिए.`
Former MP Mohammad Adeeb Provocative Statement: देश की राजधानी दिल्ली में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में बुलाई गई मुस्लिम कांफ्रेंस में की गई तकरीरों ने कई विवादों को बढ़ा दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर और दूसरे पदाधिकारी समेत देश भर के मुस्लिम आलिम और फाज़िल के जमावड़े में सरकार से कहा गया कि मुसलमानों का एहसान मानिए. कांफ्रेंस में दिए गए ऐसे ही कई और विवादित बयानों पर सियासी हंगामा शुरू हो गया है.
पाकिस्तान का नाम लेकर पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब का विवादित बयान
तालकटोरा स्टेडियम, दिल्ली में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आयोजित मजलिस 'तहफ्फुजे औकाफ कांफ्रेंस' में शिरकत कर रहे बड़े मौलानाओं के बीच राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने इतिहास का हवाला देते हुए विवादित तकरीर दी. उन्होंने कहा कि ये मुसलमानों का एहसान है कि पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर तक रह गया, वर्ना लखनऊ तक पाकिस्तान होता. अदीब ने वक्फ संशोधन बिल को मुसलमानों की औकाफ पर सबसे बड़ा हमला करार दिया.
'अपनी सियासी जिंदगी बनाने के लिए लोग हमको किस्मत के हवाले कर गए'
मोहम्मद अदीब ने अपनी जिंदगी के तकरीबन अस्सी साल पूरे करने और इसमें पचास साल से ज्यादा सियासी गलियारों में घूमने का हवाला देते हुए कहा, "आज हम अपने इलाके में एक गुनहगार की तरह बसर कर रहे हैं. अब तो देशद्रोही भी हो गए हैं, हमने ऐसे ऐसे लोगों को देखा, जो हमारे साथ थे और फिर अपनी सियासी जिंदगी बनाने के लिए हमको किस्मत के हवाले कर गए. जो लोग पाकिस्तान चले गए, उसका इल्जाम हमें दिया गया."
जो पाकिस्तान चले गए उन्होंने अपनी जिंदगियां बना लीं... हम यहीं रह गए
मोहम्मद अदीब ने कहा, "हम मानते हैं कि जो पाकिस्तान चले गए उन्होंने अपनी जिंदगियां बना लीं, लेकिन हमने तो अपना खून बांटा था, हमने तो जिन्ना को मना किया था और ठुकराया था. हमने लियाकत अली खान को नहीं माना था, हमने नेहरू, गांधी और मौलाना आजाद को माना था. हम सब मुसलमान जिन्ना के साथ नहीं गए, ये एहसान तो हमारा हुकूमत को मानना चाहिए. नहीं तो पाकिस्तान लाहौर तक नहीं लखनऊ तक बनता." उन्होंने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमने पाकिस्तान को मुक्तसर (छोटा) कर दिया और तुम हमें सजा देते हो, हम पर जुल्म करते हो.
पहले वे डरते थे कि कहीं मियां नाराज न हो जाएं, आज कुछ भी नहीं बचा
मोहम्मद अदीब ने पुराने दिनों की दुहाई देते हुए कांफ्रेंस में मौजूद महजबी नेताओं से कहा, "आज हमारे पास कुछ भी नहीं बचा. आप लोग हमारी कूवत है. हमने सबसे ज्यादा जो मुसीबत झेली है, वो ये है कि अब हमारी हैसियत नहीं रह गई. हम जब अलीगढ़ में पढ़ते थे, तो उस वक्त सियासी जमातें कहती थीं कि कहीं मियां नाराज न हो जाएं."
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी और जनरल सेक्रेटरी फजलुर्रहीम मुजद्दिदी समेत कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, अमरैन महफूज रहमानी, समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी और कर्नाटक से राज्यसभा सांसद सैय्यद नसीर हुसैन के बीच मंच पर मोहम्मद अदीब की विवादित बयानबाजी जारी रही.
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हमें हल्का फुल्का मत समझिएगा, नीतीश और चंद्रबाबू नायडू को चेतावनी
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले दिल्ली मुस्लिम कांफ्रेंस के मंच से मजहबी बयानों और नारों को जमकर उछाला गया. इसके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने केंद्र सरकार में शामिल नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू को भी बड़ी चेतावनी दे डाली. रहमानी ने कहा, "नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को मिल्लत ए इस्लामिया बताए कि अगर आप हमारे वोटों की ताकत से इक़्तेदार (सत्ता) की कुर्सी तक पहुंचे हैं और अगर आपने मुश्किल वक़्त में हमारा साथ ना दिया तो हम वो हैं जो हम जायेंगे तो नहीं, आपको भी साथ लेकर जाएंगे. हमें हल्का फुल्का मत समझिएगा."
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