Maharashtra Elections: प्रियंका गांधी के नॉमिनेशन में खड़गे को क्यों बाहर रखा? नाना पटोले के 'कुत्ते' बयान पर भाजपा का पलटवार
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Maharashtra Elections: प्रियंका गांधी के नॉमिनेशन में खड़गे को क्यों बाहर रखा? नाना पटोले के 'कुत्ते' बयान पर भाजपा का पलटवार

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कथित तौर पर 'कुत्ते' वाला बयान देकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. भाजपा नेता दुष्यंत कुमार गौतम ने इसे अपमानजनक बताते हुए पटोले को सार्वजनिक फटकार लगाई. उन्होंने याद दिलाया कि कैसे प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कथित तौर पर "अछूत की तरह बाहर" रखा गया था.

Maharashtra Elections: प्रियंका गांधी के नॉमिनेशन में खड़गे को क्यों बाहर रखा? नाना पटोले के 'कुत्ते' बयान पर भाजपा का पलटवार

Dog Jibe In Maharashtra Election Campaign: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान जुबानी जंग अब 'कुत्ते' पर तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गई है. भाजपा ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के अकोला में दिए "कुत्ते" वाले बयान की निंदा की और कांग्रेस पर दलित पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ खराब व्यवहार करने का आरोप भी लगाया.

भाजपा नेता का पटोले पर पलटवार, प्रियंका गांधी और खड़गे का जिक्र

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने मंगलवार को नाना पटोले की भाजपा नेताओं के बारे में हाल ही में की गई 'कुत्ते' वाले कमेंट को अपमानजनक बताते हुए कड़ी फटकार लगाई. गौतम ने पटोले को याद दिलाया कि कैसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन दाखिल करने के दौरान कथित तौर पर "अछूत की तरह बाहर" रखा गया था. 

'अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का सम्मान नहीं करता, किसी और का कैसे करेगा?'

दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा, "ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते समय उन्हें यह याद रखना चाहिए कि उन्होंने नामांकन दाखिल करने के दौरान अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अछूत की तरह बाहर रखा... आपने अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपमान किया... हम जानते हैं कि आप अपने सांसदों और विधायकों का कितना सम्मान करते हैं. जो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का सम्मान नहीं करता, वह किसी और का सम्मान कैसे करेगा?" गौतम के अलावा कई और भाजपा नेताओं ने भी नाना पटोले की बेतुकी बयानबाजी की जमकर निंदा की और इसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की हताशा बताया. 

नाना पटोले ने सोमवार को अकोला में प्रचार के दौरान क्या कहा था?

यह जुबानी विवाद तब शुरू हुआ जब सोमवार को अकोला में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के लिए प्रचार कर रहे नाना पटोले ने ओबीसी समुदाय के प्रति भाजपा के कथित रवैये पर बेतुकी टिप्पणी की. नाना पटोले ने प्रचार के दौरान कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अकोला जिले के ओबीसी लोग भाजपा को वोट देंगे, जो आपको कुत्ता कह रहे हैं? अब भाजपा को कुत्ता बनाने का समय आ गया है, वे बहुत घमंडी हो गए हैं." नाना पटोले की टिप्पणी से एमवीए और महायुति के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और बढ़ने की उम्मीद है.

भाजपा नेता किरीट सोमैया का पटोले के बहाने पूरी एमवीए पर निशाना

इसके बाद, भाजपा नेताओं ने पटोले के शब्दों को अपमानजनक और विपक्ष की हताशा का परिचायक बताया. गौतम से पहले, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पटोले की टिप्पणी चुनावों से पहले महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की "निराशा को हताशा में बदलते हुए" दिखाती है. उन्होंने एएनआई से कहा, "वे निराशा से हताश होते जा रहे हैं. शरद पवार कुछ कह रहे हैं; उद्धव ठाकरे मौखिक रूप से चुनाव आयोग को गाली दे रहे हैं. अब, राहुल गांधी की कांग्रेस भाजपा को 'कुत्ता' कह रही है, क्योंकि जनमत सर्वेक्षणों में महायुति को स्पष्ट बहुमत दिखाया गया है. इसलिए, मैं उनकी निराशा को समझ सकता हूं."

क्या आपातकाल की तरह प्रतिद्वंद्वियों पर कंट्रोल करना चाहती है कांग्रेस?

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी नाना पटोले पर निशाना साधा और उनकी टिप्पणी को कांग्रेस की कम होती चुनावी संभावनाओं से हताशा के कारण बताया. भंडारी ने कहा, "नाना पटोले हताश हैं क्योंकि जब वे ज़मीन पर जाते हैं, तो वे समझ सकते हैं कि कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने जा रही है. लेकिन अपनी हताशा में, उन्होंने कहा है कि वे भाजपा को कुत्तों की तरह काबू में करना चाहते हैं... यह कांग्रेस पार्टी की 'आपातकाल' वाली मानसिकता को दर्शाता है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को वश में करना चाहती है और उन्हें नियंत्रण में लाना चाहती है. वह उनके खिलाफ़ मामले दर्ज करना चाहती है और उन्हें चुप कराना चाहती है." 

भंडारी ने कांग्रेस नेताओं की कई और विवादास्पद टिप्पणियों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संविधान को कमज़ोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "कल कर्नाटक कांग्रेस के नेता ज़मीर अहमद ने अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए 'काला' शब्द का इस्तेमाल किया. यह एक नस्लवादी शब्द है. आज, वे 'कुत्ता' शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं... मैं नाना पटोले की हताशा को समझ सकता हूं." 

कर्नाटक उपचुनाव में ज़मीर अहमद खान के बयान की कड़ी आलोचना

कर्नाटक में उपचुनाव अभियान के दौरान "काला कुमारस्वामी" शब्द का इस्तेमाल करने के लिए ज़मीर अहमद खान की जमकर आलोचना की गई. ज़मीर अहमद खान की जाति-संबंधी टिप्पणियों की जेडी(एस) ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर निंदा की. जेडी(एस) ने पोस्ट किया, "आवास मंत्री ज़मीर अहमद खान ने नस्लीय गालियों का इस्तेमाल किया... ऐसा करके, उन्होंने अश्वेत लोगों का नस्लीय अपमान किया है और नस्लीय भेदभाव किया है." 

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद ने शाइना एनसी पर किया विवादित कमेंट

नाना पटोले और ज़मीर अहमद खान से पहले भी इसी तरह के विवाद हो चुके हैं. इन दोनों से पहले शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कथित तौर पर शाइना एनसी को "आयातित माल" कहा था, जो भाजपा से अलग होकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट में शामिल हो गई थीं. सावंत ने उनके दलबदल की आलोचना करते हुए कहा, "उनकी हालत देखिए. वह जीवन भर भाजपा में रहीं और अब दूसरी पार्टी में चली गईं. यहां आयातित 'माल' काम नहीं करता; केवल असली 'माल' ही काम आता है." हालांकि, सावंत ने बाद में अपनी लैंगिक भेदभाव वाले बयान के लिए माफ़ी मांगी.

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झारखंड में सीता सोरेन पर कांग्रेस नेता इरफान अंसारी की बदजुबानी

इस बीच, झारखंड विधानसभा चुनाव में पूर्व झामुमो नेता और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार सीता सोरेन के बारे में कांग्रेस नेता इरफान अंसारी की टिप्पणी ने भी विवाद को जन्म दिया था. अंसारी ने शीबू सोरेन की बड़ी बहू और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को "अस्वीकार" और "उधार ली गई" खिलाड़ी कहा था, जिसके कारण सीता सोरेन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. वह भावुक होकर रो पड़ीं और कहा कि आदिवासी समुदाय ने इरफान अंसारी को आदिवासी गांवों में प्रवेश करने से रोकने का फैसला किया है.

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