मुंबई: कानपुर में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मुठभेड़ में मार गिराए जाने पर मुंबई के कुछ 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ पूर्व पुलिस अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सराहना की और कहा कि पुलिस का मनोबल ऊंचा रखने के लिए इस कार्रवाई की सख्त जरूरत थी.


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विकास दुबे की शुक्रवार सुबह कानपुर के पास उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मौत हो गई. मुंबई के 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने विकास दुबे के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई का बचाव किया.


उन्होंने कहा, 'हमें इस साहसी कार्रवाई के लिए यूपी पुलिस को बधाई देनी चाहिए और ये वास्तविक मुठभेड़ है क्योंकि इसमें चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.'


बता दें कि प्रदीप शर्मा खुद कथित रूप से कई 'मुठभेड़ों' में शामिल रहे हैं जिनमें 100 से अधिक अपराधी मारे गए.


उन्होंने कहा, ‘आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले को वही मिला जिसका वो हकदार था. जिस स्थान पर ये घटना हुई, वहां बारिश हुई थी और वाहन फिसल गया था. उसके बाद विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और उन पर गोलियां चलाईं फिर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं.’


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उन्होंने आगे कहा, ‘इस कार्रवाई से पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा. इस मुठभेड़ पर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए और अगर कोई ऐसा करता है तो उन्हें सबसे पहले उन आठ पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों से मिलना चाहिए जो अपराधी द्वारा मारे गए थे.'


एक अन्य 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रफुल्ल भोसले ने कहा कि घटना के समय की परिस्थितियों को देखते हुए जैसा यूपी पुलिस ने बताया है इस कार्रवाई की 'बहुत जरूरत' थी.


उन्होंने कहा, 'किसी को भी पुलिसकर्मी को मारने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए जो अपनी ड्यूटी कर रहा है और ये मुठभेड़ अपराधियों को सबक दे सकती है.'


सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त भरत शेलके ने कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद अपराधी विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई की काफी उम्मीद थी ताकि पुलिस बल का मनोबल ऊंचा रह सके.'