UP Dowry Case: दहेज के खिलाफ कठोर कानून होने के बावजूद समाज से इस कुप्रथा का अंत अब तक नहीं हो पाया है. रह-रह कर दहेज के चौंकाने वाले मामले सामने आते ही रहते हैं. एक ऐसे ही मामले में एक लेक्चरर ने दहेज में फॉर्च्यूनर कान नहीं मिलने पर शादी तोड़ दी. लड़की पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. आइये आपको बताते हैं इस पूरे वाकये के बारे में.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है. सिद्धार्थ विहार के एक सरकारी कॉलेज के लेक्चरर ने विचित्र घटना में दुल्हन के परिवार द्वारा दहेज के रूप में एक फॉर्च्यूनर देने से इनकार करने पर अपनी शादी को रद्द कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, शादी से ठीक एक महीने पहले लेक्चरर ने दुल्हन के परिवार से दहेज के रूप में फॉर्च्यूनर देने के लिए कहा.


लेक्चरर ने होने वाली दुल्हन से कहा कि उसकी मांग पूरी नहीं की जाएगी तो वह शादी रद्द कर देगा. जब मांग पूरी नहीं हुई तो आरोपी ने महिला को केवल एसएमएस कर शादी कैंसिल कर दी. एफआईआर के मुताबिक, 10 अक्टूबर, 2022 को महिला के परिवार ने दूल्हे के लिए उपहार के रूप में एक वैगनार बुक की. इसके बाद दूल्हे के परिवार का एक सदस्य दुल्हन के घर आया और इसके बदले फॉर्च्यूनर की मांग की.


हालांकि, दुल्हन के परिवार ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया. 23 नवंबर को लेक्चरर ने शादी रद्द कर दी. कॉलेज शिक्षक पर आईपीसी की धारा 506 और दहेज अधिनियम के तहत आपराधिक धमकी का आरोप लगाया गया था.


एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के इटावा में भी सामने आया था. दुल्हन नीता यादव ने दो "फेरे" लेने के बाद अचानक शादी तोड़ दी, क्योंकि दूल्हा "बहुत काला" था. शादी समारोह के दौरान जोड़े ने माला का आदान-प्रदान करने के बाद मुद्दों की शुरुआत की. दो "फेरों" के बाद, नीतू ने अचानक शादी को रद्द करने की बात कह दी. उसने कहा कि उसे लड़के का रंग पसंद नहीं है. दूल्हे के पिता ने अब पुलिस में मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि दुल्हन को उपहार के रूप में दिए गए हजारों रुपये के गहने उन्हें वापस नहीं किए गए हैं.


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