Gallantry Award: पिछले साल सितंबर में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों को धूल चटाते हुए शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत ‘कीर्ति चक्र’ से सम्मानित किया जाएगा. राफइलमैन रवि कुमार (मरणोपरांत), मेजर एम रामा गोपाल नायडू और जम्मू कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुजम्मिल भट्ट को भी कीर्ति चक्र के लिए चुना गया.


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103 वीरता पुरस्कारों की घोषणा


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के लिए कुल 103 वीरता पुरस्कारों की घोषणा की. चार कीर्ति चक्र के अलावा 18 शौर्य चक्र (चार मरणोपरांत), 63 सेना पदक, 11 नौसेना पदक और छह वायु सेना पदक शामिल हैं. 



CISF के 10 जवानों को वीरता पदक


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा से दो दिन पहले 2022 में जम्मू में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शामिल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 10 कर्मियों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया. इनमें से एक जवान को मरणोपरांत वीरता पदक मिला है.


गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान


केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए एक बयान के अनुसार, इन जवानों में सीआईएसएफ के सहायक उपनिरीक्षक शंकर प्रसाद पटेल (कार्रवाई के दौरान शहीद), हेड-कांस्टेबल प्रमोद पात्रा, सुरेंद्र कुमार बालियान और आर नितिन तथा कांस्टेबल अंकित चौहान, पुनित कुमार, राजेश कुमार, अमीर सोरेन, राम नरेश गुर्जर और वाडेद विट्ठल शांतप्पा शामिल हैं.


फिदायीन हमलावरों ने कर दी थी गोलियों की बौछार


संबंधित मुठभेड़ 22 अप्रैल, 2022 को सुबह लगभग चार बजे तब हुई जम्मू के सुंजवान इलाके में चड्ढा शिविर के पास भारी हथियारों से लैस दो आतंकवादियों ने सीआईएसएफ के जवानों पर हमला कर दिया था. फिदायीन हमलावरों ने तब अपने हथियारों से गोलियों की बौछार कर दी और हथगोले फेंके जब जवानों की पाली में बदलाव हो रहा था और बस में सवार सीआईएसएफ कर्मी रात भर पहरा देने वाले अपने सहयोगियों को राहत देने के लिए मौके पर पहुंचे थे.


आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी


सीआईएसएफ ने कहा कि जैसे ही बस ‘सुंजवान नाका’ पर पहुंची, आतंकवादियों ने फिर से बस पर गोलीबारी शुरू कर दी और यूबीजीएल का भी इस्तेमाल किया. इसने कहा कि पात्रा और राजेश कुमार तुरंत बस से उतरे तथा जवाबी कार्रवाई के लिए मोर्चा संभाल लिया, जबकि पटेल के नेतृत्व में अन्य कर्मियों ने बस में मोर्चा संभाला और आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी की.


राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान


सीआईएसएफ ने कहा कि मध्य प्रदेश के सतना जिले के निवासी 28 वर्षीय पटेल ने राष्ट्र की सेवा में ‘‘सर्वोच्च बलिदान’’ दिया. बल ने एक बयान में कहा कि सीआईएसएफ कर्मियों की वीरतापूर्ण कार्रवाई से न केवल एक बड़ा आतंकवादी हमला विफल हो गया, बल्कि आतंकवादियों का सफाया भी कर दिया गया. बाद में, अन्य सुरक्षाबलों के जवानों ने दोनों आतंकवादियों को मार गिराया. यह हमला केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र में मोदी की सांबा यात्रा से दो दिन पहले हुआ था, जो अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद उनका पहला दौरा था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)