चेन्नई: हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. भारत के वीर जवानों की बहादुरी की दुनिया मिसाल देती है. गणतंत्र के जश्न के बीच देश की सीमाओं के रखवाले फौजियों को युद्ध पदक से सम्मानित किया जाता है. इस सिलसिले में आने वाली 26 जनवरी को दिए जाने वाले पुरस्कारों की बात करें तो लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan valley) की झड़प में शहीद तमिलनाडु (Tamil Nadu) के रामनाथपुरम निवासी के पलानी (K Palani) को वारटाइम गैलेंट्री अवार्ड दिया जाएगा. 


देशभक्ति और वीरता के 22 साल 


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हवलदार (गनर) पोस्ट पर तैनात के पलानी पिछले 22 सालों से सेना में देश की सेवा कर रहे थे. जिन्हें इसी साल 2021 में रिटायर होना था. पलानी 18 की उम्र में फौज में शामिल हुए थे. उनका छोटा भाई भी सेना में तैनात है. बाकी परिवार की बात करें तो उनकी पत्नी वनाथी देवी और दो बच्चे हैं. 


तमिलनाडु सरकार ने किया था मुआवजे का ऐलान


बीते साल पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan valley) में चीन (China) के सैनिकों से झड़प के दौरान हवलदार गनमैन के पलानी (K Palani) शहीद हो गए थे. तब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था.



वारटाइम गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित


पलानी की पत्नी वनमती रामनाथपुरम जिला कलेक्टर के दफ्तर में नौकरी करती हैं. इस साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर गलवान के शहीदों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने की संभावना है. 


देश के नाम कुर्बान कर दी जिंदगी


परिजनों के मुताबिक पलानी आखिरी बार साल की शुरुआत में जनवरी महीने में घर आए थे. इसके बाद उनके घर में कई बड़े आयोजन हुए, लेकिन वो शामिल नहीं हो सके. शहीद का परिवार रामनाथपुरम जिले के अपने नए घर में शिफ्ट हुआ, तो वह गृहप्रवेश में भी शामिल नहीं हो पाए. वो 2021 में रिटायर होने के बाद यहीं अपनी बाकी की जिंदगी गुजारने वाले थे. उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया, 'वो 12 जून को हुए गृह प्रवेश में नहीं आ पाए, 3 जून को उनका जन्मदिन था, लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण थी, जिसके चलते वो इसके लिए भी वो घर नहीं आ पाए.'


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