`बप्पा` को भोग लगने वाले `लड्डू` से बढ़ी टेंशन, लोग कर रहे ये अजीब शिकायत
Siddhivinayak Mandir: मुंबई के दादर इलाके में स्थित प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर पर लाखों श्रद्धालु रोज पूजा और दर्शन करने आते हैं. मुंबई ही नहीं दूसरे राज्यों के भक्त इस प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन की कामना रखते हैं.
Siddhivinayak Mandir: मुंबई के दादर इलाके में स्थित प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर पर लाखों श्रद्धालु रोज पूजा और दर्शन करने आते हैं. मुंबई ही नहीं दूसरे राज्यों के भक्त इस प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन की कामना रखते हैं. मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार हमेशा देखी जा सकती है. मंदिर के आसपास आवासीय इलाके हैं और इन क्षेत्रों के निवासियों को इस मंदिर से कुछ समस्याएं हैं.
क्या है समस्या?
सिद्धिविनायक मंदिर में प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. घी में बने लड्डू भक्तों को बप्पा के प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं. ये लड्डू मंदिर के प्रतीक्षालय में स्थित वर्कशॉप में तैयार किए जाते हैं. मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक बाहर स्थित कामना आवासीय सोसाइटी के निवासियों को इस कार्यशाला के कारण कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
इस लड्डू को बनाने में घी और चीनी का इस्तेमाल किया जाता है. इस घी की गंध यहां रहने वाले रहवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है. साथ ही इस वर्कशॉप से धुआं, कोलाहलपूर्ण शोर और गंध भी निकलती है. लोगों ने दम घुटने, मतली, सिरदर्द की शिकायत की है.
सिद्धिविनायक मंदिर में लंबे समय से लड्डू बनाए जाते रहे हैं. पहले यह छोटे पैमाने पर किया जाता था लेकिन अब मंदिर के प्रतीक्षालय में लड्डू बनाने की एक विशाल कार्यशाला स्थापित की गई है. अंगारकी संकष्टी के अवसर पर इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस अवसर पर कार्यशाला में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने की सम्भावना को लेकर क्षेत्र के निवासियों ने चिंता व्यक्त की है.
लोगों ने कहा कि हमें भगवान से कोई समस्या नहीं है, लेकिन लड्डू कार्यशाला हमारे लिए समस्याएं पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोगों और बच्चों ने समाज के अंदर और आसपास घूमना बंद कर दिया है. भविष्य में अगर इस इलाके में आग लगती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मंदिर प्रशासन को इस कार्यशाला को मंदिर परिसर के बाहर स्थानांतरित करना चाहिए अन्यथा उन्हें क्षेत्र के निवासियों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. सिद्धिविनायक मंदिर के प्रतिनिधियों ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.