Ghulam Nabi Azad First statement after Resignation: वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सोमवार को पहली बार मीडिया के सामने आए और पार्टी छोड़ने पर पहली बार बयान दिया. कांग्रेस (Congress) पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और चापलूसों को पार्टी में पद दिया गया.


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गुलाम नबी आजाद ने की पीएम मोदी की तारीफ


एक घटना का जिक्र करते हुए गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) कहा कि पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रूर समझता था, लेकिन उन्होंने तो इंसानियत दिखाई है. उन्होंने कहा, 'कश्मीर में गुजरात की बस पर हमला हुआ था, मैं उस घटना को भूल नहीं सकता. मैं जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री था और उनसे फोन पर बात हुई थी.'


घर छोड़ने पर मजबूर किया गया: गुलाम नबी आजाद


कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि कौन खुद घर छोड़ना चाहता है. मुझे तो घरवालों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया. जब घरवालों को लगे कि ये आदमी नहीं चाहिए और हमें यहां पराया समझा जाए तो घर में रहने वाले का काम है कि वो यहां से छोड़कर निकल जाए. मुझे सबसे ज्यादा अफसोस इस बात का है कि पार्टी में चापलूसी करने या ट्वीट करने वालों को पद मिला है.



पार्टी में नहीं माना गया सुझाव: आजाद


गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा, 'मेरा डीएनए मोदी वाला होने की बात करने वाले पहले खुद देखें. मोदी तो बहाना हैं. जी23 की चिट्ठी लिखे जाने के बाद से उनका मेरे साथ विवाद है. वे कभी नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें लिखे और उनसे सवाल करे. कई (कांग्रेस) बैठकें हुईं, लेकिन एक भी सुझाव नहीं माना गया.'


वे अपना DNA चेक करवाएं: गुलाम नबी आजाद


जयराम रमेश के बयान पर जवाब देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पहले वे (जयराम रमेश) अपना DNA चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं. वह देखें कि उनका डीएनए किस-किस पार्टी में रहा है. बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है. चापलूसी और ट्वीट कर, जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है. बता दें कि जयराम रमेश ने कहा था कि आजाद का डीएनए मोडिफाइड हो गया है.


जयराम रमेश ने ट्वीट कर दिया जवाब


गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के बयान पर जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने जवाब दिया और ट्वीट कर कहा, 'इतने लंबे करियर के बाद पूरी तरह से जिस पार्टी को उन्हें बदनाम करने का काम सौंपा गया है, उसके बाद अंधाधुंध इंटरव्यू देकर आजाद खुद को और कम कर लेते हैं. उन्हें इस बात का क्या डर है कि वह हर मिनट अपने विश्वासघात को सही ठहरा रहे हैं? उन्हें आसानी से बेनकाब किया जा सकता है, लेकिन अपने स्तर तक क्यों गिरे?'




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