पणजीः गोवा बीजेपी के प्रवक्ता दत्ता प्रसाद नाईक ने सोमवार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया और कहा कि उन्हें देश के लोगों से जुड़े मुद्दों की समझ नहीं और इसलिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया तथा संसद में एक ‘‘लोफर’’ की तरह आंख मारी. गोवा कांग्रेस के प्रमुख गिरीश चोडांकर के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को गठबंधन सहयोगियों के हाथों की ‘ कठपुतली ’ करार दिये जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी पर बीजेपी का हमला सामने आया है. नाइक ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं गोवा कांग्रेस से कहूंग कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों के लिये एक विश्वसनीय नेता की तलाश में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय की मदद करें क्योंकि उनके अध्यक्ष राहुल गांधी के लिये सुर्खियों में बने रहना मुश्किल हो रहा है और उन्हें सस्ते हथकंडे अपनाने पड़ रहे हैं.’’ 


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बीजेपी प्रवक्ता ने शुक्रवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गले लगाने के संदर्भ में संभवत: यह बातें कहीं. प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के पास भारत के लोगों से जुड़े मुद्दे की समझ नहीं है. उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर में प्रधानमंत्री को लगे लगा लिया और फिर एक लोफर की तरह आंख मारी. 


शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जो कुछ भी हुआ वो किसी फिल्‍मी अंदाज से कम नहीं था. तीखे कटाक्ष और आरोप लगाते राहुल गांधी ने अचानक प्रधानमंत्री मोदी के पास जाकर उन्‍हें गले लगा लिया. जादू की यह झप्‍पी कुछ ऐसी हिट हुई कि चारों तरफ राहुल गांधी की ही चर्चा होने लगी.


लेकिन जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलकर अपनी सीट पर लौटे तो उनका आंख मारना मिनटों में वायरल हो गया. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राहुल गांधी के इस व्यवहार के लिए उन्हें नसीहत दी. सोशल मीडिया और समीक्षकों ने भी उनकी आलोचना की.



राहुल की इस हरकत के बाद चारों तरफ यह सवाल उठने लगा कि क्‍या राहुल का पीएम को गले लगाना सिर्फ एक स्‍टंट था? लेकिन लोकसभा की कार्रवाई का वीडियो ध्यान से देखने पर पता चलता है कि राहुल गांधी की मंशा प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने की नहीं थी.



बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट का कहना है कि हम उम्र दोस्तों के बीच ऐसा होना बहुत स्वाभाविक है. उनका कहना है कि ऐसा करके राहुल गांधी प्रधानमंत्री को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे थे. बल्कि उनका आशय था कि उनके लिए ये सबकुछ बहुत आसान था या वो ये कहना चाह रहे थे कि वो अपने मिशन में कामयाब रहे.


(इनपुट भाषा)