Ban on SFJ Extended: अमेरिका में बसे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून पर मोदी सरकार ने चाबुक चला है. सरकार ने पन्नून के अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पर भारत सरकार ने प्रतिबंध पांच साल के लिए आगे बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी. नोटिफिकेशन में कहा गया है SFJ एसएफजे को उसकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, जिसे अगले 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. 


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'खालिस्तान बनाने की साजिश रच रहा'


गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'केंद्र सरकार की राय है कि एसएफजे उन गतिविधियों में शामिल है जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. वह पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है, जिसका उद्देश्य भारत की अखंडता, संप्रभुता और क्षेत्रीयता को बाधित करना है. यह भी कहा गया कि SFJ आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों के साथ निकट संपर्क में है. वह भारत के क्षेत्र से बाहर एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर उग्रवाद के हिंसक रूप का समर्थन कर रहा है.'


गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार को लगता है कि अगर एसएफजे की गैरकानूनी गतिविधियों पर तुरंत अंकुश और नियंत्रण नहीं किया गया, तो इसकी विध्वंसक गतिविधियों में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें कानून द्वारा स्थापित सरकार को अस्थिर करके भारत के क्षेत्र से खालिस्तान राष्ट्र बनाने के प्रयास भी शामिल हैं.


'अलगाववादी आंदोलनों को देती है बढ़ावा'


सरकार ने कहा कि SFJ पंजाब को भारत से अलग करने और खालिस्तान के गठन की वकालत करता रहता है. यह देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा है और राष्ट्रविरोधी व अलगाववादी भावनाओं का प्रचार करता रहता है. यह अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ाता है और उग्रवाद का समर्थन करके हिंसा भड़काता है. लिहाजा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उस पर जारी प्रतिबंधों को 10 जुलाई 2029 तक के लिए और बढ़ा देती है. 


पन्नून को आतंकी घोषित कर चुकी है सरकार


बताते चलें कि SFJ की स्थापना अमेरिका में बसे अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने की थी, जिसे सरकार की ओर से आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. उसने करीब तीन साल पहले खालिस्तान बनाने के लिए कई देशों में जनमत संग्रह का अभियान भी चलाया था. अमेरिका के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में एसएफजे ने अपनी जड़ें जमा रखी हैं. वहां पर जब- तब हिंदू मंदिरों और भारत सरकार के खिलाफ जुलूस और नारेबाजी की गतिवधियां देखी गई हैं.