मराठा आंदोलन के दौरान मरने वालों के परिजनों को दी जाएगी सरकारी नौकरी, मंत्री ने किया ऐलान
महाराष्ट्र के लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 42 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियां दी जाएगी.
जालना: महाराष्ट्र के लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने शनिवार को कहा कि मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 42 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियां दी जाएंगी.
CM से बात करेंगे मंत्री
उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करेंगे. सरकार ने उनके परिवारों को पहले ही 10 लाख रुपये का मुआवजा दे दिया है.
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आरक्षण के लिए हुआ था आंदोलन
आपको बता दें कि मराठा संगठनों ने साल 2016 और 2018 के बीच नौकरियों और शिक्षा में समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए राज्य भर में आंदोलन किया था.
कोर्ट ने रद्द किया आरक्षण
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मराठाओं को आरक्षण दे दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया.
SBC के आरक्षण को कोर्ट में चुनौती
उधर महाराष्ट्र लोक सेवा में विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC) के उम्मीदवारों को 1994 में प्रदान किए गए 2 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ संगठन की ओर से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार की नौकरियों में यह 2 दो प्रतिशत का कोटा असंवैधानिक है.
इस याचिका को सुनवाई के लिए सोमवार को लिस्ट किया गया था लेकिन समय की कमी के कारण इस पर विचार नहीं किया जा सका. ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ इससे पहले मराठा आरक्षण को भी चुनौती दे चुका है.
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