श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में मचे सियासी घमासान पर प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है. सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 15 दिनों से उन्हें विधायकों की खरीद फरोख्त की शिकायत मिल रही थीं. खरीद फरोख्त को खत्म करने के लिए ही उन्होंने विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी उन्हें विधायकों के खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी.


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अपवित्र गठबंधन बन गया!
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य में एक अपवित्र सा गठबंधन बन गया था. उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि राज्य में चुनाव हों और सरकार आम जनता की च्वाइस से बने.' 


सोशल मीडिया से बनती है सरकार
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसी भी द्वारा सोशल मीडिया पर गठबंधन का ऐलान करने से सरकार बनती है? पीडीपी और कांग्रेस के गठबंधन पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों मे एकता थी तो वह 5 महीने पहले सरकार बनाने का दावा पेश करने क्यों नहीं आए. 


राज्यपाल ने कहा कि 'अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों' के जरिये स्थायी सरकार नहीं बनाई जा सकती है. बता दें कि पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को राज्यपाल के पास पत्र भेजकर सरकार बनाने का दावा किया था. हालांकि, यह पत्र राजनिवास पहुंचा इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. गौरतलब है कि मुफ्ती के पत्र भेजने के कुछ देर बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया था. इस आदेश को पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अलोकतांत्रिक बताया.  


कांग्रेस-पीडीपी-नेकां ने रची साजिश- बीजेपी
जम्मू कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग करने के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया था. जम्मू कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा था कि राज्यपाल के इस फैसले का बीजेपी स्वागत करती है. एक बार फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), कांग्रेस और पीडीपी ने जम्मू कश्मीर में साजिश रची थी जिसके चलते जम्मू और लद्दाख के साथ अन्याय होता. रैना ने विपक्षी गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस, पीडीपी और नेकां चुनाव से पहले गठबंधन बनाएंगे.