अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की यह मांग खारिज कर दी कि 2017 में राज्यसभा के लिए उनके निर्वाचित होने को चुनौती देने वाली याचिका में प्रतिवादियों के तौर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के नाम हटाए जाएं. न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने पटेल का आवेदन खारिज कर दिया. पटेल का कहना था कि वे (शाह और ईरानी) अब राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं और वे हाल के आम चुनाव में लोकसभा के लिए चुने गये हैं, इसलिये उनके नाम प्रतिवादी के तौर पर हटा दिये जाएं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पटेल ने भाजपा नेता बलवंत सिंह राजपूत की याचिका के सिलसिले में यह आवेदन अदालत में दिया था. राजपूत ने अगस्त, 2017 में गुजरात से राज्यसभा के लिए पटेल के निर्वाचन को चुनौती दी थी. अदालत ने यह कहते हुए पटेल का आवेदन खारिज कर दिया कि अब केंद्रीय गृह मंत्री शाह और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी कानूनी जरूरत के हिसाब से इस याचिका के प्रारंभ से ही प्रतिवादी हैं और उनके पद से (राज्यसभा सदस्य से) हट जाने भर से वे जरूरी पक्षकार होने का अधिकार नहीं गंवा बैठे. 


हाईकोर्ट गुरुवार को पटेल के दूसरे आवेदन पर फैसला कर सकता है जिसमें उन्होंने उन्हें भेजी गयी याचिका की प्रति पर राजपूत के हस्ताक्षर की असलियत जानने के लिये विशेषज्ञों की राय मांगी है. पटेल का कहना कि यह राजपूत का असली हस्ताक्षर नहीं है, जैसा कि उन्होंने दावा किया है. राजपूत ने भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा के उम्मीदवार के रूप में अगस्त,2017 में राज्यसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव हारने के बाद राजपूत हाईकोर्ट चले गये थे.