मूर्तियां, स्वास्तिक...ज्ञानवापी में 5.30 घंटे चला सर्वे, जानें दूसरे दिन क्या-क्या मिला?
ASI In Varanasi: असल में शनिवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के भी पांच लोग सर्वेक्षण टीम के साथ थे. हालांकि शुक्रवार को हुए सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था. एएसआई टीम शनिवार सुबह ज्ञानवापी परिसर पहुंची और दूसरे दिन का सर्वे कार्य हुआ.
Gyanvapi Survey Second Day: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शनिवार को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम हुआ. सरकारी वकील यह जानकारी दी है. एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य में मुस्लिम पक्ष के भी पांच लोग शामिल हुए. अधिवक्ता ने यह भी बताया कि एएसआई टीम शनिवार सुबह ज्ञानवापी परिसर पहुंची और दूसरे दिन का सर्वे कार्य शुरू किया, जो शाम पांच बजे समाप्त हुआ.
असल में शनिवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के भी पांच लोग सर्वेक्षण टीम के साथ थे. हालांकि शुक्रवार को हुए सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था. इस बीच मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को सर्वे कार्य के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के पांच लोग एएसआई टीम के साथ शामिल हुए.
ज्ञानवापी में दूसरे दिन के सर्वे में मुस्लिम पक्ष की तरफ से लोग शामिल हुए. जिनकी मौजूदगी में मस्जिद के केयर टेकर एजाज़ अहमद ने मस्जिद का ताला खोला. इसके बाद ASI की 61 लोगों की टीम मस्जिद में दाखिल हुई और बजूखाने को छोड़कर परिसर के दूसरे हिस्सों के सर्वे में जुट गई. इस दौरान ज्ञानवापी हॉल, तहखाना, पश्चिम दीवार, बाहरी दीवार के मैप तैयार किए गए. इस दौरान मस्जिद परिसर के बाहर भारी तादाद में सुरक्षाबल के जवान तैनात नज़र आए.
शनिवार सुबह 8 बजे से सर्वे की शुरुआत हुई. वजूखाना छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे हुआ, तीनों गुंबद के नीचे जांच हुई, पश्चिमी दीवारों का भी सर्वे. हिंदू प्रतीक चिन्हों की जांच और फोटोग्राफी. IIT कानपुर की टीम बुलाने पर चर्चा हुई. वहीं ASI सर्वे पहले कुल 9 घंटे तक सर्वे हुआ था. पश्चिमी दीवार का सर्वे किया गया,
हिंदू प्रतीक चिन्हों की वीडियोग्राफी की गई. दीवार के पत्थर कितने पुराने इसकी जांच हुई थी और पश्चिमी दीवार पर त्रिशूल और स्वास्तिक मिले थे.
इंतजामिया कमिटी की तरफ से मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक वहां मिट्टी का सैंपल और पत्थर के टुकड़े लेने की इजाज़त नहीं है लिहाज़ा अब तक हुए सर्वे में ASI ने वहां मिली चीज़ों की लिस्ट तैयार की और ASI की रिपोर्ट पर अभी वो कुछ नहीं कह सकते हैं.
इससे पहले, शुक्रवार देर रात अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एक पत्र जारी कर शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करने और सर्वेक्षण में सहयोग करने की बात कही थी. यासीन ने कहा था कि एएसआई सर्वे पर स्थगन आदेश देने से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इनकार से उपजी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि शीर्ष अदालत के निर्णय का सम्मान करते हुए एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे में सहयोग दिया जाएगा.
उन्होंने पत्र में कहा था कि हम आशा करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का निष्पक्ष तरीके से पालन किया जाएगा और हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही हमारे धार्मिक अधिकार शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के अनुसार सुरक्षित रहेंगे. इस बीच आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सहायता कर रही है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक अभय करंदीकर ने बताया कि संस्थान के पृथ्वी विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में एएसआई की सहायता कर रहे हैं. करंदीकर ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान विभाग (अर्थ साइंस) के प्रोफेसर, जावेद एन मलिक भी विदेश से लौटने के तुरंत बाद संस्थान के विशेषज्ञों की टीम में शामिल होंगे. इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद एएसआई की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई थी और सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था.
शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने भी सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था. वहीं वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे. बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया है.