अयोध्या: भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की सबके बड़ी मूर्ति उनकी जन्मस्थली किष्किंधा में लगेगी. ये मूर्ति भगवान राम के 251 मीटर की उंचाई से कम यानि 215 फीट ऊंची होगी और  इसकी लागत 1200 करोड़ रुपए आएगी. खास बात ये है कि इस मूर्ति निर्माण से सरकार का कोई लेना देना नहीं होगा, क्योंकि इसे सिर्फ भक्तों के सहयोग से बनाया जाएगा.


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215 फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति
तुंगभद्रा नदी के किनारे किष्किंधा (आज के हंपी शहर) में हनुमान जी की ये मूर्ति लगेगी. वाल्मीकि रामायण में किष्किंधा पर बालि फिर सुग्रीव का राज था. यहीं हनुमान जी का जन्म हुआ था और भगवान राम से मुलाकात तक हनुमान जी यहीं रहे. अब यहीं पर 215 फीट ऊंचे हनुमान जी विराजेंगे. इसके लिए हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Hanumat Janmbhumi Teerth Kshetra Trust) का गठन किया गया है. इस ट्रस्ट  के अध्यक्ष स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने इसका ऐलान किया.


रामलला को 80 फीट का रथ भेंट होगा
आनंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 80 फीट का एक भव्य रथ भी भेंट किया जाएगा, जो कि दो साल में दो करोड़ से बनकर तैयार हो जाएगा. यह रथ रामलला के लिए होगा.


रथयात्रा निकालकर इकट्ठा किया जाएगा चंदा
हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास से भेंट के बाद यह घोषणा की. सरस्वती ने बताया कि प्रतिमा की स्थापना में 1,200 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसके लिए पूरे देश से दान एकत्र करने के लिए ‘रथ यात्रा’ निकाली जाएगी. उन्होंने बताया कि भगवान हनुमान की प्रतिमा करीब 215 मीटर ऊंची होगी. सरस्वती ने कहा कि हनुमान की मूर्ति अयोध्या में स्थापित हो रही भगवान श्रीराम की मूर्ति से लंबी नहीं हो सकती है, क्योंकि ‘हनुमान भगवान राम के अनन्य भक्त थे.'