Haryana Elections: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. इस अनिश्चितता के बीच, AAP ने अपनी ताकत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करते हुए कहा है कि वह राज्य में एक "मजबूत, तीसरा विकल्प" के रूप में उभर रही है, और जो लोग इसे कमजोर समझते हैं, उन्हें भविष्य में पछताना पड़ सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गठबंधन पर चर्चा जारी


शनिवार को AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की, ताकि हरियाणा चुनाव में गठबंधन वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके. इस बैठक के बाद, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने बताया कि फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले एक-दो दिनों में स्थिति स्पष्ट हो सकती है.


AAP की तैयारी


इससे पहले, AAP के राष्ट्रीय संगठन सचिव संदीप पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, "हम चुनाव के लिए तैयार हैं और पार्टी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही हमें हरी झंडी मिलेगी, हम अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे. जो लोग हमें कम आंकते हैं, उन्हें भविष्य में इसका पछतावा होगा."


गठबंधन वार्ता में गतिरोध


AAP और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत में गतिरोध आ गया है. अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, AAP ने 10 सीटों की मांग की है, जबकि कांग्रेस 5 से 7 सीटें देने पर विचार कर रही है.


हरियाणा में AAP का दावा


AAP की हरियाणा इकाई के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में एक "मजबूत, तीसरा विकल्प" बनकर उभरी है, और चुनावों के बाद AAP के बिना राज्य में कोई सरकार बनना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा, "हमारा स्पष्ट लक्ष्य हरियाणा की राजनीति से भाजपा को हटाना है. लेकिन अगर कोई हमें कमजोर समझता है, तो यह उसकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल होगी."


चुनाव और नामांकन


हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 12 सितंबर है. AAP की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही कोई निष्कर्ष निकलेगा.


गठबंधन को लेकर अटकलें


AAP के सूत्रों ने शुक्रवार को दावा किया कि गठबंधन वार्ता टूटने के कगार पर है. उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है और रविवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर सकती है.


पिछले चुनावों में क्या हुआ


AAP और कांग्रेस ने पहले इंडिया अलायंस के तहत हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ा था. हरियाणा में AAP ने कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी के राज्य इकाई प्रमुख सुशील गुप्ता भाजपा के नवीन जिंदल से हार गए थे. AAP ने हरियाणा में अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है. पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. पार्टी को उम्मीद है कि इस बार वह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.