Hathras Case: CBI ने दाखिल की 2000 पन्नों की चार्जशीट; हत्या, गैंगरेप और SC/ST एक्ट के तहत बनाया आरोपी
सीबीआई (CBI) ने अपनी चार्जशीट में चारों आरोपियों पर गैंगरेप (Hathras Gangrape) की भी धारा लगाई है जबकि दिल्ली के सफदरजंग में हए युवती के पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि नहीं हुई थी और शुरुआती जांच कर रही यूपी पुलिस ने भी रेप की बात से इनकार किया था. लेकिन सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में युवती के 20 सितंबर के उस वीडियो को डाईंग डिक्लरेशन माना है.
नई दिल्लीः हाथरस केस (Hathras Case) में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने युवती की हत्या और गैंगरेप के मामले में जेल में बंद चारों आरोपियों के खिलाफ हाथरस की एससी/एसटी एक्ट कोर्ट (SC/ST Act Court) में 2000 पन्नों की चार्जशीट दायर कर दी है.
सीबीआई (CBI) ने चारों आरोपियों को हत्या, गैंगरेप और एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी बनाया है. सीबीआई ने यूपी सरकार (UP Govt) की सिफारिश पर 11 अक्टूबर को केस दर्ज किया था जिसके बाद करीब 2 महीने 7 दिन की जांच के बाद ये चार्जशीट दाखिल की गई है.
सीबीआई (CBI) ने अपनी चार्जशीट में संदीप, रवि, रामू और लव-कुश को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चारों आरोपियों पर गैंगरेप ( Hathras Gangrape) की भी धारा लगाई है जबकि दिल्ली के सफदरजंग में हए युवती के पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि नहीं हुई थी और शुरुआती जांच कर रही यूपी पुलिस ने भी रेप की बात से इनकार किया था. लेकिन सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में युवती के 20 सितंबर के उस वीडियो को डाईंग डिक्लरेशन माना है. सीबीआई ने अपनी 2000 पन्नों की चार्जशीट में 700 पन्ने में केस से जुड़े हुए सपोर्टिंग दस्तावेज लगाए हैं. जबकि 30 पन्नों पर केस से जुड़ी हुई अहम जानकारी कोर्ट को दी है. 4 पन्नों पर गवाहों की लिस्ट को भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया है.
फाॅरेंसिक एक्सपर्ट की राय को भी शामिल किया
सीबीआई (CBI) ने अपनी चार्जशीट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फाॅरेंसिक एक्सपर्ट की राय को भी शामिल किया है. सीबीआई ने अपनी जांच में गुजरात के गांधीनगर की एफएसएल (FSL) में चारों आरोपियों को ले जाकर उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया था. इस मामले में जमकर राजनीति भी हुई थी. दलित की बेटी के साथ हुए उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी पीड़िता के घर पहुंच गए थे. सुर्खियों में रहने के कारण इस मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट में भी सुनवाई हो रही थी. पीड़ित लड़की के शव का रातों रात अंतिम संस्कार करने को लेकर यूपी पुलिस पर भी हर तरफ से सवाल खड़े हुए थे.
हाथरस की एससी/एसटी कोर्ट में क्यों दाखिल की गई चार्जशीट?
सीबीआई को ये चार्जशीट अपनी सीबीआई कोर्ट में दाखिल न करके हाथरस की एससी/एसटी कोर्ट में इसलिए करनी पड़ी क्योंकि, आरोपियों के ऊपर एससी/एसटी एक्ट भी लगा हुआ था. सीबीआई के स्पेशल जज के पास एससी एसटी एक्ट को सुनने की पावर नहीं है. लिहाजा सीबीआई को हाथरस (Hathras) की स्पेशल कोर्ट बीडी भारती की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी पड़ी. कोर्ट ने उसी दिन चार्जशीट पर संज्ञान भी ले लिया और चार्जशीट की एक एक कॉपी आरोपियों को भी देने का आदेश सीबीआई को दे दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी 2021 में होगी.