करोड़ों श्रद्धालु पधारेंगे प्रयागराज, लाखों को मिलेगा रोजगार, भव्य महाकुंभ से UP की कितनी होगी कमाई?
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करोड़ों श्रद्धालु पधारेंगे प्रयागराज, लाखों को मिलेगा रोजगार, भव्य महाकुंभ से UP की कितनी होगी कमाई?

Maha Kumbh 2025: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास का भी प्रतीक है. 

करोड़ों श्रद्धालु पधारेंगे प्रयागराज, लाखों को मिलेगा रोजगार, भव्य महाकुंभ से UP की कितनी होगी कमाई?

Maha Kumbh 2025 Date: उत्तर प्रदेश में होने वाला महाकुंभ इस बार न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बड़े बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि इस बार प्रयागराज में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये का बड़ा फायदा हो सकता है.

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की आध्यात्मिक जड़ों को दुनिया में पहचान दिलाने का श्रेय देते हुए कहा कि महाकुंभ भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव को आधुनिकता के साथ प्रस्तुत करने का एक बड़ा उदाहरण है. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले से लाखों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. 

2019 में 1.2 लाख करोड़ की हुई थी कमाई

एक कॉन्क्लेव में बोलते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास का भी प्रतीक है. 2019 में हुए कुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान हुआ था. इस बार के आयोजन से भी आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आने की उम्मीद है.

2024 में 16 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन किए. जबकि जनवरी से सितंबर तक 13.55 करोड़ से अधिक लोगों अयोध्या में रामलला का दर्शन किए. 

एक करोड़ लोगों के ठहरने की व्यवस्था

महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर माना जाता है, जहां हर समय 50 लाख से एक करोड़ लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है. यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक अनूठा अवसर है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए संत समाज के साथ मिलकर काम कर रही है. पर्यावरण संरक्षण के तहत गंगा और यमुना में गंदे पानी के प्रवाह को रोकने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही आधुनिक तकनीक का उपयोग करके श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा.

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