Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया. जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई. इस बड़े हादसे के बाद पता चला कि साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था. उन‌को सुनने के लिए हजारों में उनके अनुयायी आए हुए थे, जिसके बाद से साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के बारे में कई सारी जानकारियां सामने आ रही हैं. 


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बाबा के नाम की आरती
साकार हरि बाबा के बारे में अधिक जानकारी के लिए गूगल पर सर्च किया तो उनके बारे में कई सारी जानकारियां मिली. सोशल मीडिया के अलग-अगल प्लेटफॉर्म पर साकार हरि बाबा के नाम से कई सारी आरती, भजन, चालीसा के वीडियो मिले.


साकार विश्व हरि आरती:- 



साकार विश्व हरि भजन:-
 


साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा की आरती पढ़ें:- 



कौन हैं साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा
साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है. बाबा कासगंज के पटयाली के रहने वाले हैं. करीब 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे. नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल नाम बदलकर साकार हरि बन गए. अनुयायी उन्हें भोले बाबा कहते हैं. कहा जाता है कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. कुछ समय में लाखों की संख्या में अनुयायियों बन गए. उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में इनके अनुयायी फैले हैं.


साकार हरि बाबा ​मानव सेवा का देते हैं संदेश
साकार हरि बाबा अपने सत्संग में मानव सेवा का संदेश देते हैं. ज्यादातर सत्संग में लोगों से बाबा कहते हैं कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है. सत्संग में आने से रोग मिट जाते हैं, मन शुद्ध होता है, यहां पर कोई भेदभाव नहीं, कोई दान नहीं और कोई पाखंड नहीं. दावा करते हैं यहीं सर्व समभाव है यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं स्वर्ग लोक है. 


बाबा रहते हैं सूट-बूट में 
बाबा के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि ये यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे. कुछ इन्हें आईबी से जुड़ा भी बताते हैं. इसीलिए बताया जाता है कि बाबा पुलिस के तौर-तरीकों से परिचित हैं. बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते हैं. वह महंगे गॉगल, सफेद पैंटशर्ट पहनते हैं. अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं. बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित आदि शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है.