Sakaar Baba Aka Bhole In Hathras: हमारा देश आस्थावान देश है. पत्थर में भी ईश्वर को देखते है..ये हमारी आस्था, हमारे विश्वास का चरित्र है. लेकिन इस चरित्र को अंधविश्वास में बदलने के लिए, बाबा साकार जैसे कुछ लोग, आडंबर करते है...स्वांग रचते हैं. इस आडंबर को देखकर भोले भाले लोग फंस जाते हैं. आंखें होते हुए भी दृष्टिहीन हो जाते हैं.


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असल में हम आपको बाबा साकार की नौटंकियों के कुछ हिस्से बताएंगे. यकीन मानिए अगर वो एक्टर होते तो फिल्म राजा बाबू के हीरो गोविंदा को टक्कर दे रहे होते. आपको याद होगा कि एक फिल्म राजा बाबू में एक्टर गोविंदा को शौक था अलग पोशाक में फोटो खिंचवाने का . ठीक वैसे ही बाबा साकार को शौक है विष्णु या श्रीकृष्ण बनने का. यही आडंबर देखकर लोग इसके जाल में फंस गए. बाबा साकार की एक्टिंग की झलकियां देखने के लिए तैयार हो जाइए. समझदार लोग इसे देखकर पेट पकड़कर हंस सकते है लेकिन हमारा मकसद किसी की भावनाएं आहत करने का बिल्कुल नहीं है.


सत्संग के एक मंच से जब-जब बाबा साकर बोलता है, तो वो काफी गुस्से वाली एक्टिंग करता है. ऐसा लगता है कि जैसे किसी फिल्म का क्लाइमैक्स सीन चल रहा हो. ये वीडियो ऐसे ही एक सत्संग के मंच का है. यकीन मानिए अगर मैं उस वक्त उस सत्संग में होता तो ये मेरा अंतिम सत्संग होता . लेकिन बाबा के भक्तों के लिए ऐसा नहीं है. वो तो ये सारी फिल्मी एक्टिंग देखकर काफी प्रभावित होते हैं. ये गुस्से वाला आडंबर, खुद को भगवान बताना, कष्टों को मिटा देने वाले डायलॉग बोलना, यही तो पसंद आता है सत्संग के भक्तों को. उनकी आंखों पर पड़ी अंधविश्वास की पट्टी, ये सब देखकर भी कुछ समझ नहीं पाती.


क्या आपने सुना की इसमें ये क्या कह रहा है. ये खुलेआम लोगों को ये बता रहा है यही है जो है. यही बाबा ब्रह्मा है, यही बाबा विष्णु है, यही बाबा महेश है. यही रचयिता है, यही विनाशक है...और यही अधर्म का नाश करेगा. यही सब सुनकर भक्त इसके जाल में फंस जाते हैं. लोगों के जीवन में इतने कष्ट हैं, कि समाधान नही मिलने पर वो थकहार कर ऐसे झूठे और पाखंडी बाबा के शब्दजाल में फंस जाते हैं. ऐसे आडंबर देखकर हाड़-मांस के इन प्रपंचकारियों के जाल में फंस जाते हैं. इस तरह के आडंबर का भक्तों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ये लोग इस कदर बाबा के जाल फंस जाते हैं कि उनके खिलाफ कुछ भी नहीं सुनते. ये जिंदा लोग, 121 मारे गए लोगों की मौत को भी इसी बाबा साकार की माया समझ रहे हैं.


बाबा साकार का पाखंड केवल सत्संग के मंच वाली नौटंकी तक सीमित नहीं था. उसके आश्रमों में भी भक्तों को मूर्ख बनाने का पूरा साजोसामान रखा हुआ था. ऐसे ही एक आश्रम के बार 10 हैंडपंप लगे हुए. दिखने में ये सामान्य हैंडपंप लग रहे थे. लेकिन इस हैंडपंप के बारे में हमने पता किया, तो बाबा के पाखंड का एक और सबूत मिला. इस हैंडपंप को चमत्कारी हैंडपंप बताया गया. बाबा साकार के चेल ये बताते हैं कि इस हैंडपंप का पानी बड़ी से बड़ी बीमारियां ठीक कर देता है. इस झूठे दावे की पोलखोल के लिए हमारी टीम वहां पहुंच गई.