Hathras Stampede Narayan Sakar Hari Bhole baba: सूरजपाल उर्फ भोले बाबा इस वक्त कहां है ये कोई नहीं जानता. पूरा देश जानना चाहता है कि बाबा आखिर कहां छिपा है. हाथरस, कासगंज, मैनपुरी से लेकर नोएडा और ग्वालियर तक बाबा साकार हरि के कथित आश्रमों में पुलिस ने पड़ताल की है. इस बीच उसकी प्राइवेट आर्मी के बारे में भी बड़ा खुलासा हुआ है. बाबा ने सत्संग की सुरक्षा के लिए प्राइवेट आर्मी तैयार की थी. जिसे उसने नारायणी सेना नाम दिया था. उसने अपनी सेना का खास ड्रेस कोड भी तैयार किया था. साकार के आश्रम के सेवादार ने बताया कि आर्मी के कौन से सदस्य गुलाबी कपड़े-पहनते थे और कौन काले कपड़े. इस बीच बाबा के हादसे वाले दिन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. हालांकि ज़ी न्यूज़ इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.



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शाही जिंदगी जीने वाले बाबा नारायण साकार हरि ने अपनी एक प्राइवेट आर्मी बना रखी थी. और बाबा एक दो नहीं बल्कि तीन-तीन लेयर की सुरक्षा में रहता था. इसी प्राइवेट आर्मी का हिस्सा ब्लैक कमांडो थे. जो बाबा के काफिले की सुरक्षा करते थे. करीब दो दर्जन ब्लैक कमांडो बाबा की सुरक्षा का जिम्मा संभालते थे. ही ब्लैक कमांडो बाबा के लिए चौबीस घंटे तैयार रहते हैं. बाबा के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे.


हादसे पर हाथरस एसडीएम की रिपोर्ट में क्या है?


हाथरस हादसे को लेकर एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में इन्हीं ब्लैक कमांडो का जिक्र किया है. बाबा की इसी ब्लैक आर्मी ने धक्का-मुक्की की. जिससे भगदड़ मची और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई. बाबा की ब्लैक आर्मी में ज्यादातर वालंटियर होते हैं, लेकिन कुछ पुलिसकर्मी भी बाबा के शिष्य हैं. जो छुट्टी लेकर बाबा के काफिले को एस्कॉर्ट करते हैं. वहीं ब्लैक कमांडो सत्संग कार्यक्रम के दौरान बाबा के इर्दगिर्द सुरक्षा घेरा बनाकर रखते थे. लेकिन जब भगदड़ मची तो बाबा की ब्लैक आर्मी ने लोगों को बचाने की कोशिश नहीं की, बल्कि खुद मौके से भाग निकले.


बाबा की प्राइवेट आर्मी में ब्लैक कमांडो के अलावा गुलाबी और ब्राउन ड्रेस वाले सुरक्षाकर्मी भी हैं. जिन्हें ना भीड़ कंट्रोल करने की ट्रेनिंग मिली है. ना उन्हें भगदड़ जैसे हालात से निपटने का अनुभव है. बस बाबा की तरफ से इन्हें गुलाबी ड्रेस पहनाकर और हाथ में डंडे देकर खड़ा कर दिया गया. वो भी मुफ्त में.  मंगलवार को भी यही सुरक्षाकर्मी लाखों की भीड़ कंट्रोल कर रहे थे.


बताया जा रहा है कि हाथरस हादसे के बाद जब बाबा फरार है, तब भी उसके चेलों और समर्थकों की आंखों से अंधविश्वास की पट्टी नहीं उतर रही है.


कई जिलों की पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पा रही?

यूपी के कई जिलों की पुलिस मिलकर इस बाबा को नहीं ढूंढ पा रही है. यहां सवाल उठ रहा है कि बाबा ने जब कुछ गलत किया ही नहीं तो बाबा सामने क्यों नहीं आ रहा है?

बाबा के अनुयायी बाबा के दर्शन को तरस रहे हैं. ऐसे में बाबा अपने भक्तों को दर्शन क्यों नहीं दे रहे हैं? हाथरस में हादसा क्यों और कैसे हुआ ये तो जांच का विषय है लेकिन बाबा का सामने नहीं आना क्या इस ओर इशारा कर रहा है कि बाबा को भी लगता है कि इस हादसे का जिम्मेदार वही है.


यूपी-हाथरस हादसे में पुलिस की जांच तेज


यूपी में DGP ने फैक्ट फाइंडिंग टीमें बनाईं हैं. अब बाबा के आश्रम और आश्रम को होने वाली फंडिंग की जांच होगी. वहीं इस बाबा के मददगारों की भी जांच होगी. दोषी पाए जाने पर शिकंजा भी कसेगा. इसके लिए मैनपुरी, एटा, कासगंज, अलीगढ़, मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा, इटावा और हाथरस पुलिस को भी सभी जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.


एमपी में हो रही फरार सूरजपाल 'बाबा' की तलाश


ग्वालियर में भी बाबा साकार की तलाश हो रही है. ग्वालियर में बाबा के आश्रम में दबिश दी गई है. आश्रम के कमरों की तलाशी ली गई है. वहीं
सेवादारों से भी पुलिस ने की पूछताछ की है.


उत्तर प्रदेश के भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के आश्रम में भगदड़ के दौरान 122 लोगों की मौत हो गई थी इसके बाद से फरार चल रहे भोले बाबा की तलाश में अब ग्वालियर पुलिस जुट गई है. ग्वालियर के झंडा का पुरा गांव स्थित बाबा के आश्रम पर तिघरा थाना पुलिस ने दबिश दी. पुलिस ने आश्रम के सत्संग मंच कल घर और सभी कमरों में बाबा की तलाशी की. हादसे के बाद से बाबा सूरजपाल फरार चल रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस के इनपुट पर ग्वालियर की तिगरा थाना पुलिस ने यह दबिश दी है, हालांकि आश्रम में कुछ भी हाथ पुलिस के नहीं लगा लेकिन सेवादारों ने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है.

दरअसल उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीती 2 जुलाई को भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के चरणों की धूल लेने के लिए भक्तों में भगदड़ मच गई थी जिसके चलते 122 लोगों की मौत की अब तक पुष्टि हो चुकी है. हादसे के बाद से लगातार भोले बाबा उर्फ सूरजपाल फरार चल रहा है बाबा की तलाश में देश भर में अलग-अलग टीम में काम कर रही है, इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की इनपुट पर ग्वालियर की तिघरा थाना पुलिस ने बाबा के झंडा का पूरा गांव स्थित आश्रम पर दबिश दी, आश्रम में मिले सेवादारों ने पुलिस को बताया कि बाबा ने बिल्डिंग को किराए पर लेकर आश्रम शुरू किया था जो कि अब बंद हो चुका है.


आखरी बार स्वयंभू अवतार बाबा 10 मई को अपने परिवार के साथ ग्वालियर में था. वहीं 2023 में यहीं बाबा का बड़ा सत्संग कार्यक्रम हुआ था. मकान को आश्रम के लिए किराए पर देने वाले मकान मालिक राम अवतार कुशवाहा से भी पुलिस ने पूछताछ की है. उसने बताया कि आश्रम को खाली कर दिया गया है.


बाबा के साम्रज्य से जुड़ी सबसे बड़ी खबर

बाबा ने 2023 में बदल दिया था ट्रस्ट का नाम. बाबा ने अभी श्रीनारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट बना रखा है. पहले बाबा मानव सेवा आश्रम के रूप में ट्रस्ट चलाते थे. साल 2023 में इसमें बदलाव कर इस ट्रस्ट की जगह श्रीनारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट कर दिया गया. 2023 में ही पटियाली के रजिस्ट्री ऑफिस में इस ट्रस्ट से जुड़ी कुछ रजिस्ट्रियां हुईं तभी 12 साल बाद बाबा वहां गया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या रजिस्ट्री होते ही बदल दिया गया था ट्रस्ट का नाम?