Hathras Stampede: बाबा के गिरेबान तक क्यों नहीं पहुंचे खाकी के हाथ, कहां मजबूर हो गई पुलिस?
Hathras Stampede Updates: उत्तर प्रदेश के हाथरस में साकार हरि बाबा के सत्संग में 123 लोगों की मौत का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है. मामले में यूपी पुलिस ने गुरुवार को 6 गिरफ्तारियां की हैं.
Hathras Stampede Updates: उत्तर प्रदेश के हाथरस में साकार हरि बाबा के सत्संग में 123 लोगों की मौत का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है. मामले में यूपी पुलिस ने गुरुवार को 6 गिरफ्तारियां की हैं. लेकिन इसमें साकार हरि बाबा का नाम नहीं है. सभी के मन में यही सवाल है कि पुलिस ने साकार हरि बाबा की गिरफ्तारी क्यों नहीं की. इस सवाल का जवाब अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर ने कहा है. आइये आपको बताते हैं शलभ माथुर ने क्या कहा..
भगदड़ में 123 लोगों की मौत
हाथरस भगदड़ में मारे गए 123 लोगों की जांच-पड़ताल के बीच यूपी पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया है. लेकिन साकार हरि से अभी तक पूछताछ नहीं हुई है.
क्यों नहीं हुई साकार हरि की गिरफ्तारी?
पुलिस महानिरीक्षक (अलीगढ़ रेंज) शलभ माथुर ने कहा कि जांच अभी शुरू हुई है और सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर और गिरफ्तारियां की जाएंगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि साकार हरि (सूरज पाल) से अभी तक पूछताछ नहीं की गई है. सूरज पाल को हिरासत में लेने की संभावना से इनकार नहीं करते हुए अधिकारी ने कहा कि जांच में जो कुछ भी सामने आएगा, उसके आधार पर हम गिरफ्तारी करेंगे... जरूरत पड़ने पर हम बाबा से पूछताछ करेंगे. अभी यह कहना या टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि उनकी इसमें कोई भूमिका है या नहीं.
आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया
एफआईआर में उनका नाम नहीं है. एफआईआर में आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है. आयोजन समिति ने अनुमति ली थी और पैनल के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारी ने कहा कि अनुमति वेद प्रकाश मधुकर के नाम पर ली गई थी. उन्होंने कहा कि उसे पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं. उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम दिया गया है. शलभ माथुर ने कहा कि अगर मधुकर से पूछताछ के दौरान अन्य लोगों की भूमिका का पता चलता है, तो हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे.
सूरज पाल ने 2000 में लिया VRS
साकार हरि के खिलाफ पिछले मामलों के बारे में पूछे जाने पर शलभ माथुर ने कहा कि अब तक उन्हें जो पता चला है, उसके अनुसार पाल यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल थे और उन्होंने 2000 में वीआरएस (सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली थी, जब वे आगरा में तैनात थे. इसके तुरंत बाद, आगरा के शाहगंज पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई और बाद में उन्हें बरी कर दिया गया. हम पता लगा रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई और मामला है या नहीं और इसके लिए हम विभिन्न राज्यों की पुलिस की मदद ले रहे हैं.
पैरों की धूल लेने भागी भीड़
याद दिला दें कि बीते मंगलवार को हाथरस में साकार हरि बाबा के सत्संग में भगदड़ मची थी. जिसमें कम से कम सात बच्चों सहित 123 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक इस आयोजन में 80,000 लोगों के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग एकत्र हुए थे. जब साकार हरि सत्संग खत्म कर अपनी कार में जा रहे थे तो भी उनके पैरों की धूल लेने के लिए उनके पीछे दौड़ पड़ी. भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में साकार हरि के स्वयंसेवकों और सुरक्षा के प्रभारी अन्य लोगों ने लोगों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया. कई भक्त गिर गए और भीड़ ने उन्हें कुचल दिया.