दिल्ली में सीलिंग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साल 2004 में इन इकाइयों को सील करने के लिए कमेटी का गठन हुआ था.
नई दिल्ली: सीलिंग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध औद्योगिक इकाइयों को सील करने की निगरानी समिति गठित होने के 14 साल बाद भी 5 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां रिहायशी इलाकों में चल रही हैं. इस पर दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कोर्ट को बताया था कि रिहायशी इलाकों में चल रही सभी अवैध औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में सील कर दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीलिंग के पूर्व 48 घंटे का नोटिस दिए जाने की शर्त को खत्म करने पर जवाब मांगा था. निगरानी समिति की ओर से कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा गया था कि इस वर्ष अगस्त तक 15,888 अवैध औद्योगिक इकाइयों को सील किया जा चुका है. बची अवैध इकाइयां 15 दिन में सील कर दी जाएंगी. कोर्ट ने कहा था कि दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, निगम आयुक्त और दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वाली कमेटी 14 साल में भी अवैध इकाइयों को सील नहीं कर पाई है ऐसे में अब वे कह रहे हैं कि 15 दिन में सील कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साल 2004 में इन इकाइयों को सील करने के लिए कमेटी का गठन हुआ था. केंद्र सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश में कहा गया है कि सीलिंग के 48 घंटे पूर्व नोटिस दिया जाएगा, जबकि निगरानी समिति का कहना है कि नोटिस नहीं दिया जाएगा. केंद्र ने कहा था कि कानून में 15 दिन का नोटिस देने की बात है. कोर्ट ने 48 घंटे पूर्व नोटिस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसकी क्या जरूरत है.