नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लगातार हो रही बर्फबारी (Snowfall) से स्थानीय लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. पहाड़ों पर लगातार गिरती बर्फ से स्थानीय लोगों की मुसीबतें बढ़ी हुई हैं. रास्ते बंद हैं. जरुरत का सामान नहीं मिल रहा. तो वहीं सैलानियों के लिए ये एक बड़ी सौगात है. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने पर्यटकों में नया उत्साह भर दिया है.


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कुल्लू का मलाणा गांव पूरी तरह बर्फ से ढक चुका है. भारी बर्फबारी की वजह से लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. तापमान माइनस में है. लोगों की जिंदगी मानो थम गई हैं. वहीं हिमाचल की सोलांग वैली पर्यटकों से पूरी तरह गुलज़ार है. बड़ों से लेकर बच्चों तक सब बर्फ का लुत्फ उठा रहे हैं.


मनाली-लेह नेशनल हाइवे के अलावा लाहौल स्पीति में नेशनल हाईवे भी भारी बर्फबारी के चलते बंद पड़ा हैं. लाहौल स्पीति में 134 सड़कें बर्फबारी के कारण बंद हो गई हैं. ये अब मार्च 2020 के अंत में ही खुल सकेंगी. लाहौल स्पीति और रोहतांग दर्रा में दूर दराज के इलाकों से संपर्क टूट गया है. साथ ही कई इलाकों में बिजली व्यवस्था ठप पड़ी है और पानी के जमने से पेयजल का संकट खड़ा हो गया है.  


बात करें उत्तराखंड की तो समुद्रतल से 3 हज़ार 584 मीटर की ऊंचाई पर बना बाबा केदार का मंदिर भी सफेद चादर से ढक गया है. चार दिनों से लगातार रुक रुककर बर्फबारी हो रही है जिस वजह से धाम में सात फीट तक बर्फ जम चुकी है. तापमान माइनस 7 से माइनस 12 डिग्री पहुंच चुका है. ऐसे में पुनर्निर्माण के काम में लगे 12 मजदूरों ने धाम छोड़ दिया है जबकि 11 मजदूर अब भी धाम में रुके हुए हैं. लेकिन काम पूरी तरह ठप्प पड़ा है.


आजकल उत्तराखंड के औली के आगे आगे यूरोप के टूरिज्म इलाके भी फेल नजर आ रहे हैं. दिसंबर में औली का नज़ारा किसी जन्नत से कम नहीं रहता. एक तरफ जहां बच्चे बर्फ के रेगिस्तान में जमकर मजे कर रहे हैं तो वहीं लोग स्किंग का रोमांच ले रहे हैं. सैलानियों में खूब उत्साह दिखाई दे रहा है. हर तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई है. गाड़ियां, रिसॉर्ट सब बर्फ से ढके हुए हैं. 


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