नई दिल्ली: पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमित मरीजों के इलाज के प्रोटोकॉल बदले हैं. साथ ही सरकार ने अब मरीजों के डिस्चार्ज से लेकर क्वारंटीन तक के मामलों में नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं. इसके बाद आम लोगों के मन में इलाज को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. आज हम आपके उन सवालों पर सरकार के जवाब पेश कर रहे हैं...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सवाल: डिस्चार्ज पॉलिसी में क्यों हुआ बदलाव?
जवाब: कई देशों में इस तरह के बदलाव किए गए हैं. वहां मरीजों के डिस्चार्ज को लेकर  टेस्ट पर आधारित रणनीति से लक्षण आधारित या फिर टाइम बेस्ड स्ट्रेटजी में बदलाव किया गया. ICMR के लैब आधारित समीक्षा में देखा गया कि शुरुआती RTPCR टेस्ट के बाद मरीज के पॉजिटिव आने के 10 दिन में निगेटिव हुए. हाल की स्टडी भी बताती है कि वायरल के पीक होने के बाद 7 दिनों में ठीक होने लगते हैं.


सवाल: बदले नियमों के तहत मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद क्या उससे संक्रमण का कोई खतरा होता है?
जवाब: मौजूदा साक्ष्य इस तरफ इशारा नही करते कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद ट्रांसमिशन होता है.डिस्चार्ज के बाद मरीज को 7 दिन होम आइसोलेशन के नियमो का पालन करना होता है.



ये भी पढ़ें: ट्रेन सेवा के बाद अब फ्लाइट्स भी होंगी चालू, जानिए कब से शुरू हो सकती है बुकिंग


सवाल: क्या होम आइसोलेशन के बाद मरीज को टेस्ट करवाने की जरूरत है?
जवाब: प्री सिम्प्टोमेटिक/बहुत हल्के/हल्के कन्फर्म्ड केस में होम आइसोलेशन के बाद टेस्ट की जरूरत नही. स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार हालात के लिहाज से नियमों में बदलाव कर रहा है. इसी तरह पहले मास्क और PPE किट को पहनने को लेकर भी नियमों में बदलाव किया जा चुका है.