Himanta Biswa Sarma on PoK: 2024 की चुनावी लड़ाई ने अब रूख PoK की तरफ हो गया है. PoK पर बीजेपी का एजेंडा क्लियर है. पीओके भारत की हिस्सा था और हमेशा रहेगा. गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है पीओके पर अपना अधिकार जाने नहीं देंगे. वहीं हिमंता बिस्वा ने तो पीओके की जंग को चुनावी जंग से जोड़ दिया. हिमंता ने कहा कि 400 सीटें इसलिए लाना है क्योंकि पीओके को वापस लाना है. अब सवाल है कि क्या PoK का मुद्दा बीजेपी के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित होगा.


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सुलगा रहा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर


पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर PoK में पाकिस्तानी सेना और शहबाज सरकार के खिलाफ वहां की आवाम ने मोर्चा खोल रखा है. आजादी की मांग हो रही है. वहीं चुनावी समर में हिंदू-मुसलमान और राम और कृष्ण भगवान के बाद अब PoK की भी एंट्री हो गई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि अगर PoK लेना है तो मोदी सरकार को 400 सीटें चाहिए.


गृह मंत्री दे चुके हैं चुनौती


इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि वो किसी भी कीमत पर PoK पर अपना हक नहीं छोड़ने वाले. भारतीय जनता पार्टी मानती है कि हम कभी भी PoK पर से हमारा अधिकार जाने नहीं देंगे PoK भारत का हिस्सा है. वहीं हिमंता ने मुसलमानों के लिए आरक्षण को लेकर बयान देकर सियासत गर्म कर दिया है. लालू कहते हैं कि मुसलमानों को आरक्षण दो.


हमारा मानना है कि मुसलमानों को जो आरक्षण मिल रहा है उसको भी खत्म करेंगे. संविधान में लिखा है धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होता है. बाबा साहब के खिलाफ जो भी जाएगा हम उसके खिलाफ जंग लड़ेंगे. ऐसे में सवाल है कि चुनावों में मुस्लिम आरक्षण से लेकर PoK तक पर बयानबाजी से किसे फायदा होगा.


PoK की अनसुनी कहानी


15 अगस्त 1947 में भारत की आजादी के बाद से पाकिस्तान की नापाक नजर कश्मीर पर थी. 1948 में कबायलियों ने हमला किया. तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री नेहरू ने युद्धविराम की घोषणा की थी और युद्धविराम की उसी घोषणा के बाद पाकिस्तान ने अपना शैतानी रूप दिखाया. उसने झूठ बोला. वो और उसके लोग जमीन से पीछे नहीं हटे. पुराना जमाना था. कोई फेंसिंग या मैप नहीं था. बस कबायली डटे रहे और इस तरह भारत के कश्मीर का कुछ हिस्सा PoK बन गया था.