Himanta Biswa Sarma बने Assam के मुख्यमंत्री, शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए जेपी नड्डा
Assam चुनाव के बाद फिर से सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी ने इस बार सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) की जगह हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) पर भरोसा जताया है. रविवार को विधायकों की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सरमा को विधायक दल का नेता चुना गया था.
गुवाहाटी: बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने सोमवार को असम (Assam) के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. सरमा के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पूर्वोत्तर राज्यों के कई मुख्यमंत्री मौजूद रहे. मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट के सदस्यों ने भी शपथ ग्रहण की है.
सोनोवाल की जगह मिला मौका
असम चुनाव के बाद फिर से सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी ने इस बार सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) की जगह हेमंत बिस्वा सरमा पर भरोसा जताया है. रविवार को विधायकों की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सरमा को विधायक दल का नेता चुना गया था.
बीते दिन ही सरमा ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था. हेमंत बिस्वा सरमा पिछली सर्वानंद सोनोवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं.
नए सीएम लेकर लंबा मंथन
असम के मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी में लंबा मंथन भी चला और बीजेपी आलाकमान ने सर्बानंद सोनावाल और हेमंत बिस्वा सरमा को दिल्ली बुलाया था. गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष नड्डा के साथ हुई बैठक के बाद पर्यवेक्षकों की एक टीम का गठन किया गया, जिसने रविवार को सरमा के अगले मुख्यमंत्री होने का ऐलान किया था.
कांग्रेस से आए, बीजेपी में छाए
हेमंत बिस्वा सरमा ने 2014 में कांग्रेस (Congress) का साथ छोड़ बीजेपी से नाता जोड़ लिया था. वह असम में कांग्रेस सरकार रहने के दौरान शिक्षा मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया, इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया था. सरमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा था और वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कार्यशैली से नाराज थे.
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बीजेपी ने चुनाव से पहले अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया था. लेकिन नतीजों में पार्टी को 126 सदस्यीय सीटों वाली असम विधानसभा में 60 सीटों पर जीत मिली. एनडीए की सहयोगी असम गण परिषद ने 9 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है.