नई दिल्ली: लगभग हर देश में शादी ठीक से न चल पाने की स्थिति में पति-पत्नी कानूनी रूप से तलाक ले सकते हैं, हालांकि दुनियाभर में फिलीपींस और वैटिकन सिटी जैसे 2 देश ऐसे हैं, जहां पर डिवोर्स वैध नहीं है. इन दोनों देशों में कैथोलिक ईसाइयों को तलाक का अधिकार नहीं दिया गया है. आलम ये है कि लोग तलाक लेने के लिए धर्म परिवर्तन करने लगे हैं. वहीं अब हालातों को देखते हुए फिलीपींस की सरकार डिवोर्स को लीगल बनाने की कोशिश कर रही है.
संसद में पास किया गया बिल
फिलीपींस की संसद में पिछले हफ्ते निचले सदन ने तलाक को कानूनी बनाने के लिए बिल पास किया. बिल को तैयार करने वाले कैंडिडेट लैगमैन ने कहा कि यह बिल उन महिलाओं को आजादी देगा, जो लंबे समय से खराब रिश्ते में जी रही हैं. यह बिल अगस्त के महीने में सीनेट जाएगा, जहां पर इसका कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति की रजामंदी चाहिए होगी. बता दें कि फिलीपींस में साल 2018 में भी इस कानून को बनाने की पहल की गई थी, लेकिन संसद में इसे मंजूरी नहीं मिली थी.
शादी को लेकर कानून क्यों नहीं है?
ईसाई धर्म में खासतौर पर कैथोलिक्स में शादी को पवित्र बंधन माना जाता है. यहां पर जोड़े कुछ मामलों में अलग तो रह सकते हैं, लेकिन वे दोबारा फिर चर्च में शादी नहीं कर सकते हैं. वहीं इस देश में मुसलमानों के लिए शरिया लॉ होता है. जिसके तहत वे डिवोर्स ले सकते हैं. कैथोलिक धर्म को मानने वाले लोगों के पास यह अधिकार नहीं है. तलाक पर इस कट्टरता के कारण ही 16वीं सदी में इग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम ने कैथोलिक चर्च से नाता तोड़ा और अपनी मौजूदा पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी की.
क्यों धर्म बदल रहे लोग?
फिलीपींस में तलाक लेना इतनी पेचीदा है कि इसके लिए लोग कैथोलिक धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपना रहे हैं. यहां पर मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत डिवोर्स लेने की अनुमति है. इसके चलते यहां पर काफी लोग अनौपचारिक रूप से धर्म बदल रहे हैं. मुसलमान लोग यहां पर शरिया अदालत में तलाक की याचिका दायर कर सकते हैं. फिलीपींस में लोगों के धर्म बदलने को लेकर कोई डाटा नहीं है क्योंकि लोग यहां पर खुले तौर पर ऐसा नहीं कर रहे हैं.
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