बांग्लादेश में बदतर हो रहे हालात, अदालत के बाहर झड़पों में 26 जख्मी, एक वकील की मौत
Chinmay Das Prabhu Laywer: सोमवार को बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय दास को गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर हालात अनियंत्रित होते दिखाई दे रहे हैं. मंगलवार को अदालत के बाहर हुई झड़पों में 26 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. इसके अलावा एक वकील की मौत भी हो गई है.
Chinmay Das Prabhu: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार जारी हैं. सोमवार की शाम हिंदू नेता चिन्मय दास प्रभु को पुलिस ने एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद हिंदू समाज सड़कों पर उतर आया है. देशभर में कई जगहों पर हो रहे प्रदर्शनों की तस्वीरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है एक अदालत के बाहर हुई झड़पों में 26 लोग जख्मी हैं. इसके अलावा एक वकील की इतनी पिटाई की गई है कि उसकी मौत हो गई. वकील का नाम सैफुल इस्लाम अलिफ बताया जा रहा है. चिनम्य प्रभु को कल यानी सोमवार को देशद्रोह से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था.
चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (CMCH) के डायरेक्टर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद तस्लीम उद्दीन ने मौत की पुष्टि की और कहा कि पीड़ित के सिर पर चोट के निशान थे. एडवोकेट मोक्तर उद्दीन सागर समेत गवाहों ने कहा कि अज्ञात बदमाशों ने एडवोकेट सैफुल इस्लाम को अदालत के ग्राउंड फ्लोर पर ले जाकर इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई.
जमानत याचिका खारिज
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी हिंदू लीडर चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका चटगांव की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी. चूंकि पुलिस ने चिन्मय दास की रिमांड नहीं मांगी, इसलिए कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया और कहा कि हिरासत के दौरान उन्हें सभी धार्मिक विशेषाधिकार दिए जाएं. बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को चिन्मय कृष्ण प्रभु दास को गिरफ्तार किया. उन्होंने बांग्लादेश में कई रैलियां आयोजित की थीं.
पूरे बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन
आज सुबह जब उन्हें कोर्ट ले जाया गया तो दास ने मीडिया से कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं से अपने नियोजित आंदोलन कार्यक्रमों को जारी रखने की अपील की. सोमवार को दास की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ढाका और बांग्लादेश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. जिसमें कई लोग जख्मी भी हुए. बांग्लादेश में पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उन 18 लोगों में से एक थे, जिन पर बांग्लादेश में भगवा झंडा फहराने को लेकर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था.