फ्री बस सेवा के लिए पहन लिया बुर्का, पकड़े जाने पर बनाया ये बहाना, जानें कैसे खुली पोल
वीरभद्रैया बस स्टॉप पर अकेले बैठा था तभी वहां पर खड़े लोगों की नजर उस पर पड़ी और उन्हें शक होने लगा. इसके बाद लोगों ने उससे बातचीत शुरू की. कई देर तक उसने इधर-उधर की बातें कीं. इसके बाद उसने दावा किया कि उसने भीख मांगने के लिए बुर्का पहना था.
कर्नाटक के धारवाड़ जिले में गुरुवार को एक बस स्टॉप पर बुर्का पहने एक हिंदू व्यक्ति को देखा गया. लोगों को उस पर संदेह हुआ. इसके बाद लोगों ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि भीख मांगने के लिए उसने ऐसा हाल बनाया था. हालांकि, लोगों का मानना था कि वीरभद्रैया मठपति नामक व्यक्ति ने कर्नाटक सरकार की शक्ति योजना के तहत मुफ्त बस टिकट पाने के लिए बुर्का पहना था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वीरभद्रैया बस स्टॉप पर अकेले बैठा था तभी वहां पर खड़े लोगों की नजर उस पर पड़ी और उन्हें शक होने लगा. इसके बाद लोगों ने उससे बातचीत शुरू की. कई देर तक उसने इधर-उधर की बातें कीं. इसके बाद उसने दावा किया कि उसने भीख मांगने के लिए बुर्का पहना था.
वीरभद्रैया के पास एक महिला के आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी थी. महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा प्रदान करना कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए पांच चुनावी वादों में से एक था.
दरअसल, कर्नाटक में महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने सरकारी बस सेवा KSRTC में शक्ति योजना लागू की है, जिसके तहत महिलाओं की बस में यात्रा फ्री है. इसी फ्री बस सेवा का लाभ लेने के लिए वो व्यक्ति बुर्का पहनकर घूम रहा था.
घटना राज्य के धारवाड़ जिले के कुंडागोला तालुका के सांशी गांव की है. मूल रूप से विजयपुर का रहने वाला ये व्यक्ति बुर्का पहनकर बस में चढ़ने की कोशिश में था. तभी लोगों की नजर उस पर पड़ी और उससे सवाल-जवाब होने लगा. वो घबरा गया और बोला कि भीख पाने के लिए बुर्का पहना है.
हालांकि, जब उससे और पूछताछ हुई तो उसकी पोल खुल गई. वो एक महिला के आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेकर घूम रहा था ताकि लोगों को उस पर शक न हो और किसी भी सवाल से आसानी से बच जाए.