Goa Revolution Day: हम सब जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली, लेकिन आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा तथा इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे. यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था.


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18 जून 1946 को क्या हुआ था?


दरअसल, 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले जाएंगे. हालांकि स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे. यही वजह थी कि लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए. हालांकि कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली.


गोवा की आजादी.. 


गोवा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है. लेकिन यह 450 वर्षों से अधिक समय तक पुर्तगाली शासन के अधीन रहा. 19वीं और 20वीं शताब्दी में, गोवा के लोगों ने पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाने के लिए कई आंदोलन किए. 18 जून 1946 को राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन एक महत्वपूर्ण मोड़ था.


स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएं


15वीं शताब्दी: पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा कर लिया.
18वीं और 19वीं शताब्दी: गोवावासियों ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ विद्रोह किया.
1920 और 1930 का दशक: राष्ट्रवादी आंदोलन गोवा तक पहुंचा.
1946: राम मनोहर लोहिया ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व किया.
1955: 'भारत छोड़ो' आंदोलन से प्रेरित, गोवावासियों ने पुर्तगाली झंडे को उतार दिया.
1961: 'ऑपरेशन विजय' के तहत भारतीय सेना ने गोवा को मुक्त कराया.
1962: गोवा को भारत का 14वां राज्य घोषित किया गया.


गोवा मुक्ति संग्राम के महत्वपूर्ण नेता


राम मनोहर लोहिया
त्रिभुवनदास पटेल
लक्ष्मीकांत फणसेकर
टी.एस. रामास्वामी अयंगर
पुरुषोत्तम राव देसाई


गोवा आजादी दिवस


हर साल 19 दिसंबर को गोवा आजादी दिवस मनाया जाता है. भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत पुर्तगाली सेना को हराकर गोवा को मुक्त कराया था. यह दिन गोवा के लोगों के बलिदान और वीरता का प्रतीक है. गोवा की स्वतंत्रता भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. गोवावासियों ने अपनी स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष किया और 1961 में उन्हें अपनी मातृभूमि में स्वतंत्रता का आनंद लेने का अवसर मिला.


(एजेंसी इनपुट के साथ)