Presidential Election: BJD, YSR कांग्रेस, बसपा, अन्नाद्रमुक, जद (एस), तेदेपा, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और अब झामुमो (JMM) जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ राष्ट्रपति पद के लिये NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में करीब दो-तिहाई पहुंच सकती है और वह इस शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला बन सकती हैं.


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मुर्मू को कितने वोट मिलेंगे?


मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है, जिसके नामांकन पत्र दाखिल करने के समय करीब 50 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा था. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गुरुवार को मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा की. वह झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं.


मुर्मू के पास इतने वोट


राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से 6.67 लाख से अधिक वोट हैं. इनमें 3.08 लाख वोट सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों के हैं. बीजू जनता दल (BJD) के करीब 32,000 वोट हैं, जो कुल मतों का करीब 2.9 प्रतिशत है. ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 22 विधायक हैं. लोकसभा में बीजद के 12 और राज्यसभा में 9 सदस्य हैं.


मुर्मू को अन्नाद्रमुक (17,200 वोट), वाईएसआर-कांग्रेस पार्टी (करीब 44,000 वोट), तेलुगु देशम पार्टी (करीब 6,500 वोट), शिवसेना (25,000 वोट) और जनता दल (सेक्युलर) (करीब 5,600 वोट) का भी समर्थन मिल रहा है.


संसद में मजबूत स्थिति में है भाजपा


हाल में संपन्न राज्यसभा चुनावों के परिणाम के बाद उच्च सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या 92 हो गयी है. लोकसभा में उसके कुल 301 सदस्य हैं. उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में कुछ महीने पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत से इस दिशा में उसे मजबूती मिली है. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है.


राष्ट्रपति बनकर इस रिकॉर्ड को बनाएंगी मुर्मू


NDA में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या 2017 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रही उनकी संख्या से कम है, लेकिन उनके सांसदों की संख्या तब से बढ़ गयी है. मुर्मू अगर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी.


गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में करीब आधा मत मूल्य भाजपा के पास है, जिसमें उसके विधायक भी हैं. सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ अन्य दलों के मत जोड़ने से उसकी ताकत और बढ़ जाती है. दूसरी तरफ विपक्षी संप्रग के सांसदों के वोट डेढ़ लाख से कुछ अधिक हैं और राज्यों से उसके विधायकों के मतों की संख्या भी करीब इतनी ही होगी.


राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा और परिणाम 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे.


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