Humayun Kabir News: बाबर को दुनिया से गए 494 साल हो चुके हैं. लेकिन देश में चंद लोग अभी भी ऐसे हैं जिनका खाना बिना बाबार का नाम लिए हजम नहीं होता है. इसी लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के एक विधायक हुमायूं कबीर का. हुमायूं साहब ने ऐलान किया है कि वो बंगाल में बाबरी मस्जिद बनवाएंगे. आप भी पढिए और खुद समझिए कि आखिर उनका असली एजेंडा क्या है.


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बाबरी मस्जिद का खाका तैयार!


हुमायूं की हसरत है कि यूपी की जगह अब बंगाल में बाबरी मस्जिद खड़ी हो. टीएमसी MLA हुमायूं कबीर ने पूरा खाका तैयार कर लिया है. कब, कहां और कैसे वो बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाएंगे सब तय हो चुका है. दरअसल राजनीति जो न करवाए कम है. मंदिर-मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट ने सुलझा दिया है. अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन भी अलॉट कर दी गई है. लेकिन नेताजी को तो बाबरी का नाम लेकर राजनीति चमकानी है. लिहाजा मुस्लिम आबादी का हवाला दे रहे हैं.


एक करोड़ रुपये दान में देंगे


हुमायूं कबीर ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि वो बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए एक करोड़ रुपये दान में भी देंगे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर हुमायूं कबीर को अचानक बाबरी मस्जिद की याद क्यों आ गई. तो इसके दो पहलू हैं.


पहली वजह- तीन दिन पहले की तारीख थी 6 दिसंबर, लिहाजा वो अपने वोटर्स को बाबरी मस्जिद की याद दिलाना चाहते हैं.


दूसरी वजह- हुमायूं कबीर जिस भरतपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वो मुर्शीदाबाद में आती है. जहां की 70 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती है.


बढ़क गया विपक्ष


कुल मिलाकर माना तो ये जा रहा है कि हुमायूं कबीर ने बाबरी का नाम वोटबैंक पॉलिटिक्स के लिए लिया है. अपने वोटरों को लुभाने के लिए लिया है और यही वजह है कि वो विरोधियों के निशाने पर हैं.


हुमायूं कबीर वैसे तो मुसलमानों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बाबरी मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं. लेकिन अब हम आपको इनका असली चेहरा भी दिखा दें तो साल था 2011. समय था बंगाल विधानसभा चुनाव का. हुमायूं रेजीनगर सीट से चुनाव लड़ रहे थे. जहां चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने क्या बयान दिया था वो ध्यान से पढ़िएगा.


कहा था - 'दो घंटे में काटकर गंगा में बहा दूंगा'


हुमायूं कबीर ने कहा था - दो घंटे के अंदर तुमको काटकर अगर गंगा में नहीं फेंक दिया तो यहां से भाग जाऊंगा. ये याद रखना. 30% हो आप लोग मुर्शीदाबाद जिले में और हम हैं 70%.


हुमायूं कबीर की राजनीति ही हिंदू मुस्लिम के नाम पर चलती है. मुस्लिम वोटबैंक के लिए वो ऐसे विवादित बयानों के लिए ही जाने जाते हैं. एक बार फिर उन्होंने बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के बयान के साथ अपना चाल चरित्र और चेहरा एक बार फिर से जगजाहिर कर दिया है.