पेट्रोल-डीजल भूल जाइए, दिल्ली पहुंची हाइड्रोजन से चलने वाली कार; नितिन गडकरी ने बताया कब होगी लॉन्च
इंडिया इकोनॉमिक समिट (India Economic Summit) में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुलासा किया कि देश में हाईड्रोजन से चलने वाली कार (Hydrogen Car) आ चुकी है. उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर से पहले वो खुद कार में सवार होने वाले हैं.
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol and Diesel Price) से मौजूदा समय में हर कोई परेशान है और इस बीच खबर है कि बहुत जल्द ही देश में हाइड्रोजन से चलने वाली कार (Hydrogen Car) लॉन्च होने वाली है. हाइड्रोजन से चलने वाली ये कार दिल्ली पहुंच चुकी है. इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दी और बताया कि देश में यह कार कब लॉन्च होगी.
'दिल्ली आ गई है हाईड्रोजन से चलने वाली कार'
इंडिया इकोनॉमिक समिट (India Economic Summit) में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस बात का खुलासा किया कि देश में हाईड्रोजन से चलने वाली कार आ चुकी है. उन्होंने कहा, 'इस समय ग्रीन हाइड्रोजन की बात करनी है और देश में हाईड्रोजन से चलने वाली कार आ चुकी है.'
कार में खुद सवार होंगे नितिन गडकरी
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि 8 दिसंबर से पहले वो खुद कार में सवार होने वाले हैं. उन्होंने कहा, '8 दिसंबर से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट में हाइड्रोजन की इस कार (Hydrogen Car) में मैं खुद सवार होने वाला हूं.'
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'इलेक्ट्रिक गाड़ियों से यात्रा काफी सस्ती'
कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर बात करते हुए नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, 'आप जितना सोच रहे हैं, परिस्थितियां उससे कहीं ज्यादा तेजी से बदल रही हैं. इसका कारण है कि पेट्रोल की कार से एक किलोमीटर यात्रा करने पर 10 रुपये खर्च करने पड़ते हैं और डीजल गाड़ी पर 7 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आता है, जबकि इलेक्ट्रिक कार पर सिर्फ 1 रुपये खर्च आता है.' उन्होंने आगे कहा, 'मुंबई में वेस्ट की बसों पर प्रति किलोमीटर 115 रुपये खर्च होता है और इथेनॉइल से चल रही बस पर 78 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आया, जबकि इलेक्ट्रिक बस का खर्च सिर्फ 50 रुपये प्रति किलोमीटर है.'
'इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मेंटेनेंस भी काफी कम'
नितिन गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मेंटेनेंस खर्च भी काफी कम है. इस दौरान उन्होंने मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी ऐसा नहीं हुआ कि मेंटनेंस के लिए मेट्रो बंद पड़ गई. ऐसा कभी हुआ है क्या? सिर्फ एक दो बार मेट्रो की चेंकिंग और सर्विसिंग करनी जरूर पड़ती है. इसके साथ ही डीजल वाहनों से प्रदूषण भी फैसला है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण नहीं होता.
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