Prachand LCH deployment at Pakistan China Border: भारतीय वायु सेना (IAF), एचएएल को 156 और प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों के लिए ऑर्डर देने जा रही है. इन हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना द्वारा चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर तैनात किया जाएगा. इसे रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' विजन के लिए सबसे बड़े प्रयासों में से एक माना जा रहा है. भारतीय थल सेना और वायु सेना के पास फिलहाल 15 प्रचंड हेलिकॉप्टर्स हैं. 10 वायुसेना के पास और 5 थल सेना के पास. जिन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमाओं के पास तैनात किया गया है. प्रचंड की अब जो नई खेप आएगी, उन्हें भी चीन और पाकिस्तान की स्ट्रैटेजिक प्वाइंट्स पर तैनात किया जाएगा.


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संयुक्त सैन्य अभ्यास में दुनिया ने देखा दम


आपको बताते चलें कि भारतीय वायुसेना ने इन हेलिकॉप्टर्स के साथ सेना का युद्धाभ्यास भी किया था. प्रचंड का पहला स्क्वॉड्रन पाकिस्तान की सीमा के पास तैनात है. अब इसकी मदद से PAK सीमा के आसपास की निगरानी करना अब पहले से ज्यादा बेहतर, आसान और सुरक्षित हो गया है.



इसके साथ ही आतंकी और घुसपैठियों पर लगाम लगाने में मदद मिल रही है. प्रचंड हेलिकॉप्टर्स को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बना रही है. 


प्रचंड के किलर फीचर्स


दुश्मन की मौत के सामान के साथ इसका वजन 5800 KG है. इस पर 700 KG के हथियार लग सकते हैं. मैक्सिमम स्पीड 268 KM/H है. इसकी रेंज 550 KM है. ये लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है. यह पर्याप्त मात्रा में हथियारों और जरूरी चीजों के साथ 16400 फीट ऊंचाई पर टेकऑफ कर सकता है. LCH में 20 मिमी की एक तोप है. इसमें चार हार्डप्वाइंट्स अटैट हैं. जिनमें रॉकेट और मिसाइल फिट हो सकते हैं.


प्रचंड का कॉकपिट ग्लास का है. फ्यूचर में इसके वर्जन को और अपग्रेड किया जाएगा. आपको बताते चलें कि करगिल युद्ध के समय ऐसे चॉपर की जरूरत महसूस की गई थी. अब चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर हमारे जवानों के पास ऐसा ब्रह्मास्त्र आ गया है जो दूर से दुश्मन का काल बन सकता है. इसके अलावा  बोईंग का एएच-64ई (AH-64E) अपाचे हेलिकॉप्टर भी दुश्मनों के खात्में के लिए तैयार खड़ा है.