Operation Ganga: भारतीय वायु सेना (IAF) के तीन विमान यूक्रेन में फंसे 628 भारतीयों को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट, हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट और पोलैंड के शहर ज़ेज़ॉ से लेकर हिंडन वायुसैनिक अड्डे पहुंचे हैं. सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना का पहला विमान बुखारेस्ट से 200 यात्रियों को लेकर बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे हिंडन सैन्य अड्डे पहुंचा. जहां केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भारतीय नागरिकों का स्वागत किया. सूत्रों ने बताया कि ये भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान थे. विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास द्वारा पहली ट्रैवल एडवायजरी जारी किए जाने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन को छोड़ चुके हैं.


एयरफोर्स के ऑपरेशन में आई तेजी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का दूसरा विमान बुडापेस्ट से 220 भारतीयों को लेकर बृहस्पतिवार सुबह हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर उतारा. इसके थोड़ी देर बाद ही, तीसरा विमान 208 नागरिकों के साथ ज़ेज़ॉ से यहां पहुंचा. भारत, रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी और पोलैंड जैसे यूक्रेन के पड़ोसी देशों के रास्ते स्वदेश ला रहा है. 


चौथा ग्लोबमास्टर लौटा भारत


यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी लगातार जारी है. इसी कड़ी में आज गुरुवार सुबह हिंडन बेस पर वायुसेना का चौथा ग्लोबमास्टर C-17 लैंड हुआ जिसमें मेडिकल स्टूडेंट समेत 800 भारतीय नागरिक सवार थे. युद्ध प्रभावित यूक्रेन (War-torn Ukraine) से लौटे छात्रों के चेहरे पर भारत पहुंचने की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी. वतन वापसी के बाद कई छात्रों से ज़ी न्यूज़ ने बात की तो उन्होंने अपने एक्सपीरिएंस साझा किए. 



ये भी पढ़ें- व्लादिमीर पुतिन की जिद भारत को पहुंचाएगी सबसे ज्यादा नुकसान, जानिए क्या होगा असर


राजस्थान के झुंझनू निवासी और MBBS फर्स्ट इयर के स्टूडेंट निखिल चौधरी ने बताया कि वो 25 दिन पहले यूक्रेन गये थे. हालात तेजी से बिगड़े तो उन्होंने अपने दोस्तों के साथ पैदल ही रोमानिया जाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि उनके कुछ दोस्तों की हालत ठीक नहीं है. वो कीव और खारकीव में तीन दिन से बंकर में हैं. 


वहीं दिल्ली निवासी श्रद्धा ने कहा, 'मैं इवाना में पढ़ाई कर रही थी. लेकिन मेरी कीव से फ्लाइट थी, लेकिन बाद में एयर स्पेस बंद होने की वजह से मैं कीव में ही फस गई थी. फिर हम एम्बेसी के थ्रू एक स्कूल में रुके थे लेकिन वहां धमाकों की आवाजें आती थी. हमारे 500-600 मीटर दूर भी बम गिर रहे थे फिर हमने सोचा कि अब यहां से निकलना चाहिए. दोस्तों के साथ डिसाइड किया चलो निकलते हैं. कहीं ट्रेन तो कहीं टैक्सी मिली. घर वाले पैनिक कर रहे थे, उन्हें बताने से हम डर रहे थे कि हमारे साथ क्या क्या हो रहा है. रोमानिया के लोगों ने हमे कंबल और खाना दिया था वो काफी अच्छे लोग हैं. 


हरियाणा के यमुनानगर की अक्षिता ने कहा, 'इवानो के एयरपोर्ट पर हमला हुआ तो वो डर गई थीं, फिर एंबेसी ने मदद की. परिजन डरे थे लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने हमारी मदद की, हमारा हौसला बढ़ाया. हमे पूरे सफर में बहुत सपोर्ट मिला है. हम सभी को थैंक यू बोलना चाहते हैं कि सबने हमारी मदद की और हमे सुरक्षित घर तक पंहुचाया है.'