नई दिल्ली: आईएएस अफसर सी. वनमती (C. Vanmathi) ने आर्थिक परेशानियों का सामना किया और उन्हें बचपन में पशु-पालन में हाथ बांटना पड़ा. वह खुद भी भैंस चराने के लिए जाया करती थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी और आईएएस अफसर (IAS Officer) बनकर एक मिसाल पेश की.


फैमिली की आर्थिक स्थिति नहीं थी ठीक


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तमिलनाडु के इरोड जिले की रहने वाली सी. वनमती (C. Vanmathi) बेहद ही साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखती हैं और उनकी फैमिली की आर्थिक स्थित ज्यादा अच्छी नहीं थी. उनके परिवार में पशु का काम होता था और वनमती भी पशुओं को चारा खिलाती थीं. साथ-साथ भैंस चराने जाया करती थीं.


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इन 2 चीजों ने बदल दी वनमती की लाइफ


द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सी. वनमती (C. Vanmathi) को 2 चीजों ने प्रेरित किया. पहली उनके होम टाउन की जिला कलेक्टर (DC), जिन्हें देखकर वनमती काफी प्रभावित हुईं. इसके अलावा उन्‍होंने गंगा यमुना सरस्वती नाम का सीरियल देखा, जिसमें एक्ट्रेस आईएएस अफसर होती है. इसके बाद वनमती ने तय कर लिया कि उनको भी आईएएस अफसर (IAS Officer) बनना है.



12वीं के बाद शादी का दबाव


12वीं के बाद सी. वनमती (C. Vanmathi) के रिश्तेदारों ने शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया, लेकिन वह बगावत पर उतर आई और शादी से साफ इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा था. वनमती के इस फैसले में परिवार ने साथ दिया और उन्होंने पढ़ाई जारी रखी.


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पीजी के बाद की प्राइवेट बैंक में नौकरी


सी. वनमती (C. Vanmathi) ने कंप्‍यूटर ऐप्‍लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) किया और इसके बाद फैमिली की आर्थिक मदद करने के लिए प्राइवेट बैंक में नौकरी करने लगीं. हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने अपने आईएएस बनने के लक्ष्य को नहीं छोड़ा और यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी.



ऐसे पाई यूपीएससी एग्जाम में सफलता


सी. वनमती (C. Vanmathi) को पहली बार में यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2015 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया. जब परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए, तब वनमती अपने पिता के साथ अस्पताल में थी, जिन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद भर्ती कराया गया था. इसके कुछ दिन बाद ही अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्‍यू दिया और सफलता हासिल की.


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