Struggle Story Of IAS officer: भारत में होने वाली यूपीएससी सीएसई की परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा में शामिल किया जाता है. ये परीक्षा कितनी कठिन है, इसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैट जीपीटी भी इसे पास नहीं कर पाया. यूपीएससी की परीक्षा को पास करके देश के बड़े-बड़े पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है. आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने लगातार यूपीएससी की परीक्षा में 3 बार मात खाई लेकिन हिम्मत नहीं हारी और अंत में आईएएस का टैग अपने नाम किया.


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कौन है वो शख्स?


यहां बाड़मेर के रामसर के उपखण्ड अधिकारी आईएएस निवृत्ति सोमनाथ की बात की जा रही है. सोमनाथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं. ये जीआरई की तैयारी करना चाहते थे लेकिन पैसों की कमी के चलते उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तरफ बढ़ने की तैयारी की. महाराष्ट्र के नासिक जिले के गुवांच गांव से आने वाले आईएएस निवृत्ति सोमनाथ की कहानी लाखों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अभ्यर्थियों को प्रेरणा देती है. इंजीनियरिंग के बाद वो सेल ऑफिसर बने जिसके लिए उनको एमपीएससी की परीक्षा पास की थी. इसके बाद उन्होंने अपना टारगेट यूपीएससी को बनाया था.


तीन बार हुए फेल फिर 5वीं बार में दिखाया कमाल


निवृत्ति सोमनाथ ने तैयारी के दौरान लगातार 3 बार 2016, 2017 और 2018 में असफलता का मुंह देखा. यूपीएससी में उनको पहली सफलता साल 2019 में मिली. इसके बाद उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के लिए हुआ. हालांकि वो यहीं रूके और अपनी तैयारी को जारी रखा. साल 2020 में उन्होंने 5वीं बार यूपीएससी का परीक्षा दी जिसके बाद उनकी रैंक 166 आई. इसी के साथ उन्होंने अपने उस सपने को साकार कर लिया जिसे उन्होंने देखा था. आईएएस बनकर निवृत्ति सोमनाथ को पहली पोस्टिंग राजस्थान का बाड़मेर में मिली. आपको बता दें कि निवृत्ति सोमनाथ नासिक के साधारण किसान परिवार से आते हैं.


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