नई दिल्लीः पुलवामा आतंकी हमले के मास्टमाइंड आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर आज संयुक्त राष्ट्र परिषद (UNSC) की बैठक में चर्चा होगी. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. हालांकि चीन ने अभी तक इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है. बता दें कि मसूद को बचाने के लिए चीन अभी तक तीन बार वीटो लगा चुका है. UNSC में आज यह बैठक भारतीय समय अनुसार रात 01.30 बजे होगी.


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जानकारी के अनुसार आज (13 मार्च) यूएनएससी की ‘1267 समिति’ द्वारा इस प्रस्ताव को उठाये जाने की उम्मीद है. भारत और यूएनएससी के अन्य सदस्यों द्वारा लाये गये इस तरह के प्रस्तावों पर 3 बार रोड़े अटका चुके चीन ने अभी अपने रुख की घोषणा नहीं की है. इस मुद्दे पर भारत की अपील और चीन के रुख के बारे में कुछ दिन पहले पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा था, ‘पहले तो मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि यूएनएससी यूएन की एक मुख्य संस्था है और इसके पास कड़े मानक और प्रक्रिया के नियम हैं. कुछ रिपोर्टों में यूएनएससी के अंदर की जानकारी दी गई है. मुझे नहीं पता कि क्या इसे एक सबूत के रूप में गिना जा सकता है.’


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उन्होंने कहा था, ‘‘1267 प्रतिबंध समिति द्वारा किसी को आतंकवादी घोषित करने के बारे में चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. चीन ने जिम्मेदार रुख अपनाया है, समिति के नियमों और प्रक्रिया का पालन किया है तथा जिम्मेदार ढ़ंग से चर्चा में भाग लिया था. केवल बातचीत के जरिये ही हम  एक जिम्मेदार समाधान तक पहुंच सकते हैं.’


बता दें कि हाल में चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयू ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा तथा अन्य अधिकारियों से बातचीत की थी. भारत ने 9 मार्च को कहा था कि यूएनएससी के सदस्यों को पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों और अजहर की मौजूदगी के बारे में जानकारी है. उन्होंने सदस्य देशों से अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने का अनुरोध किया.


कांग ने कहा था, ‘हम दोनों पक्षों के साथ मध्यस्थता के प्रयास कर रहे है और तनाव कम करने के लिए बातचीत की गई है. हमने काफी प्रयास किए है. बातचीत के दौरान सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है और मैं कह सकता हूं कि हमारी बातचीत काफी विस्तृत थी.’ जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गत 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी विरोधी अभियान चलाया था और जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था.


मसूद अजहर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा, JeM आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदारः अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो का इस मामले पर कहना है,  'मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद के बारे में अमेरिका के  विचार सभी को पता हैं. जैश-ए-मोहम्मद यूएन द्वारा घोषित आतंकी समूह है जो कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. जैश क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है. मसूद अजहर इस आतंकी संगठन (जैश-ए-मोहम्मद) का संस्थापक है...जहां तक यूएन प्रतिबंध समिति के विचार-विमर्श पर आपका सवाल है, तो ये एक गोपनीय मसला है, इस पर टिप्पणी करने में मैं सक्षम नहीं हूं. लेकिन हम ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेंगे कि सूची अपडेट हो और सही हो.'


(इनपुट भाषा से भी)