काबुल से पीएम मोदी का फोन आया और... पड़ोसी की बात कर नवाज शरीफ ने सुनाया वो किस्सा
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काबुल से पीएम मोदी का फोन आया और... पड़ोसी की बात कर नवाज शरीफ ने सुनाया वो किस्सा

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर नवाज शरीफ ने बड़ी बात कही है. पीएम मोदी के लाहौर दौरे का जिक्र कर उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. हमें पुरानी बातें भूलकर आगे बढ़ने की पहल करनी चाहिए. उन्होंने जयशंकर के पाकिस्तान आने की तारीफ की.

काबुल से पीएम मोदी का फोन आया और... पड़ोसी की बात कर नवाज शरीफ ने सुनाया वो किस्सा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम मोदी के लाहौर दौरे को याद किया है. 25 दिसंबर 2015 को काबुल से लौटते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए थे. उस दिन का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री मोदी ने काबुल से मुझे फोन किया और मुझे मेरे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं तो मैंने कहा कि उनका बहुत स्वागत है. वह आए और मेरी मां से मिलें.'

पूर्व पाक पीएम ने कहा कि ये कोई छोटी चीज नहीं है, इनका हमारे लिए खास तौर पर हमारे देशों के लिए कुछ मतलब है. हमें इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. शरीफ ने कहा, ‘मैं रिश्तों में आई रुकावट से खुश नहीं हूं. मैं पाकिस्तान के उन लोगों की ओर से बोल सकता हूं जो भारत के लोगों के लिए सहानुभूति रखते हैं और मैं यही बात भारत के लोगों के लिए भी कहूंगा.

दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की तारीफ करते हुए शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में लंबे समय से जारी ठहराव से खुश नहीं हैं और उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए. नवाज (74) ने कहा, ‘हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, न ही पाकिस्तान और न ही भारत. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच ‘सेतु’ बनाने की आवश्यकता है, तो उन्होंने कहा, ‘मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं.’ कुछ दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस्लामाबाद गए थे.

इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा, ‘चीजें इसी तरह आगे बढ़नी चाहिए. हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए. मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए...हमने (पीएमएल-एन की सरकारों ने) इस रिश्ते को चलने देने के लिए कड़ी मेहनत की है. दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है.’

नवाज शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए. शरीफ की इस टिप्पणी को भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है. भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष ने जयशंकर की यात्रा को ‘अच्छी शुरुआत’ बताया और उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेंगे.

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए करीब 24 घंटे की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे थे. दोनों देशों के संबंधों में जारी तनाव के बीच पिछले नौ वर्षों में भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान का यह पहला दौरा था.

एससीओ सम्मेलन के दौरान भारतीय और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई. हालांकि, पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में लंबे समय से जमी बर्फ पिघली है. नवाज शरीफ ने जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा को एक अच्छी ‘शुरुआत’ बताया. शरीफ ने कहा, ‘हमें अतीत में नहीं जाना चाहिए और भविष्य की ओर देखना चाहिए. बेहतर होगा कि हम अतीत को दफना दें ताकि हम दोनों देशों के बीच के अवसरों का इस्तेमाल कर सकें.’

2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारत पर किए गए कई हमलों के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता न करने का फैसला किया और कहा कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.

क्रिकेट देखने भारत आएंगे नवाज?

पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने की वकालत की और ​​कहा कि अगर दोनों टीम पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे.

शरीफ ने दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया. शरीफ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा को भी याद किया. शरीफ ने कहा, ‘उन्हें आज भी लाहौर घोषणापत्र और उस समय उनके शब्दों के लिए याद किया जाता है. मैं उस यात्रा के वीडियो देखता हूं और सुखद यादों को महसूस करके बहुत अच्छा लगता है.’

शरीफ ने दोनों देशों के बीच खराब संबंधों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया और विशेष रूप से खान द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘इमरान खान ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिससे रिश्ते खराब हो गए. दोनों देशों के नेताओं को ऐसे शब्द बोलना तो दूर, सोचना भी नहीं चाहिए.’

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