India Corona Preprations: क्या आप जानते हैं कि कोरोना की लहर से पहले भारत में दवाएं बनाने के लिए कच्चे माल के लिए हम चीन पर निर्भर थे. दुनिया भर से हम 35 हजार करोड़ का कच्चा माल इंपोर्ट करते थे और 27 हजार करोड़ का निर्यात करते थे. लेकिन अब हम 33 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट कर रहे हैं. कोरोना से सबक लेते हुए भारत में इस बार पहले से ही बेड्स से लेकर दवाओं तक की गिनती कर ली गई है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने देश भर के अस्पतालों में बेड्स और देश में दवाओं के स्टॉक्स का डाटा जमा किया है.


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देश के कुल 750 जिलों में से 725 ने जो डाटा शेयर किया है, उससे पता चलता है कि पिछली लहर में ऑक्सीजन, बेड्स और दवाओं के क्राइसिस से सरकार ने सबक ले लिया है. देश के कुल 20 हजार 21 अस्पतालों ने देश में मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया. इसमें से 15 हजार 424 सरकारी थे और 4 हजार 597 प्राइवेट थे. अब आंकड़ों से समझिए.


आइसोलेशन बेड्स: देश में कुल 3 लाख 37 हजार 710 आइसोलेशन बेड्स हैं जिसमें से 2,79,202 फंक्शनल यानी पूरी तरह तैयार हैं. 


ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स:  2 लाख 82 हजार 229 ऑक्सीजन वाले बेड्स हैं जिसमें से 2,45,894 आज की तारीख में पूरी तरह तैयार हैं. 


आईसीयू बेड्स: देश में कुल आईसीयू बेड्स की संख्या 70 हज़ार 73 है, जिसमें से 64 हजार 711 पूरी तरह तैयार हैं. 


वेंटिलेटर बेड्स: देश में 57 हजार 286 बेड्स हैं जिसमें से 49 हजार 236 पूरी तरह तैयार हैं. 


मैन पावर यानी कितने डॉक्टर और कितना स्टाफ मौजूद?


  • देश में कुल 2 लाख 16 हजार 72 डॉक्टर तैयार हैं, जिसमें से 1 लाख 77 हजार 382 कोरोनावायरस का इलाज करने के लिए ट्रेंड हैं. 

  • नर्सों की संख्या की बात करें तो 3 लाख 87 हजार 526 कुल नर्सों की संख्या है, जिसमें से 3 लाख 21 हजार 880 को कोरोना का इलाज करने की ट्रेनिंग मिली हुई है. 

  • पैरामेडिकल स्टाफ: इनकी संख्या 1 लाख 93 हजार 776 है, जिसमें से 1 लाख 66 हजार 324 कोविड मैनेजमेंट के लिए ट्रेंड हैं. 

  • देश के आयुष प्रैक्टिशनर्स यानी आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी वाले 17 हजार 791 डॉक्टर मौजूद हैं. इनमें से 15 हजार 645 को कोरोना से लड़ाई की ट्रेनिंग दी गई है. 


वेंटिलेटर - 70 हज़ार 996,  

तैयार वेंटिलेटर - 70 हज़ार 478 - यानी 88%

ऑक्सीजन प्लांट - 12 हज़ार 656,   

तैयार - 11830 यानी 93%

लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन - 1 लाख 70 हजार 951  

तैयार -1,69,836 - 99%

ऑक्सीजन सिलेंडर - 6,63,547     

तैयार - 6,22,151 यानी 94%

ऑक्सीमीटर - 3,96,348    

 तैयार - 3,79,168  यानी  96%

पीपीई किट्स 81 लाख 37 हज़ार 277

एन 95 मास्क - इस वक्त देश में 2 करोड़ 33 लाख 82 हज़ार और 515 मास्क तैयार हैं.


दवाओं का कैसा है हाल? 


पैरासिटामोल: 50 करोड़ 79 लाख 1 हज़ार 495 
डॉक्सीसाइक्लिन: 8 करोड़ 41 लाख 85 हज़ार 669 
एज़िथ्रोमाइसिन: 8 करोड़ 42 लाख 90 हज़ार 682 
रेमडिसिविर: 7 लाख 13 हजार 785 
टोसिलिजुमैब: 76,581 
डेक्सामेथासोन: 2 करोड़ 46 लाख 267 हज़ार 157 - ये स्टीरॉयड कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होती है. 
एम्फोटेरेसिन: 4 लाख 12 हज़ार 928 - ये ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होती है. 


देश में कितनी एंबुलेंस मौजूद हैं?


बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस: 11681 
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस: 3723 
दूसरी एंबुलेंस: 5831 


आईटी बेस्ड सुविधाओं का क्या है हाल? 


टेलीमेडिसिन: 10 हज़ार 515
टेली ई-आईसीयू: 1838
एंबुलेंस कॉल सेंटर: 9144 


कोरोनावायरस की तैयारियों के लिए देश में सभी राज्यों में मॉक ड्रिल की गई. इस मॉक ड्रिल के आधार पर सरकार ने जो डाटा तैयार किया है उसके बाद सरकार दावे से कह रही है कि अब कोरोना की अगर कोई लहर आ भी जाती है तो भी बेड्स से लेकर दवाओं तक सारी व्यवस्था तैयार है. कोरोना की दूसरी लहर ने सरकारों और अस्पतालों तक को सबक दे दिया है कि क्या गलतियां की गई हैं जिन पर काम किया जाना है. 


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