AIMIM leader Asaduddin Owaisi: उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर कांवड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उनपर फूल बरसाए गए. कांवड़ियों के गर्मजोशी से स्वागत पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि अब तो मुसलमानों के घर पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ओवैसी ने और क्या कहा? 


कांवड़ यात्रा के बारे में कई न्यूज रिपोर्टों को साझा करते हुए ओवैसी ने कहा, अगर कोई मुसलमान कुछ मिनटों के लिए भी खुली जगह में नमाज़ अदा करता है, तो यह एक विवाद हो जाता है. मुसलमानों को पुलिस की गोलियों, हिरासत में संघर्ष, एनएसए, यूएपीए, लिंचिंग, बुलडोजर का सामना करना पड़ रहा है. सिर्फ मुसलमान होने के कारण. 


ओवैसी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उत्तर प्रदेश में मुसलमानों द्वारा सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करने की कई घटनाएं सामने आई हैं और गिरफ्तारियां भी की गई हैं. लुलु मॉल विवाद के बाद कई मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है. गोरखपुर में एक सरकारी अधिकारी के आवास के सामने एक बुजुर्ग को नमाज अदा करते पकड़ा गया. एक अन्य हालिया घटना में मेरठ के एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कथित तौर पर नमाज अदा करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया. 


ओवैसी ने कहा,  पुलिस वाले कांवड़िया पर फूल बरसा रहे हैं, पैरों पर लोशन लगा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों को परेशान न करने के लिए लोहारों को उनके रास्ते से हटा दिया, यूपी सरकार ने उनके रास्ते में मांस पर प्रतिबंध लगा दिया. क्या यह रेवाड़ी संस्कृति नहीं है? पीएम मोदी ने हाल ही में 'रेवाड़ी संस्कृति' के बारे में बात की और कहा कि रियायतों की यह संस्कृति देश के लिए बहुत खतरनाक है. 


एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा, कांवड़ियों की भावनाएं इतनी मजबूत हैं कि वे एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी का नाम तक बर्दाश्त नहीं कर सकते. यह भेद क्यों? एक से नफरत और दूसरे से प्यार क्यों? एक धर्म और बुलडोजर के लिए ट्रैफिक डायवर्ट क्यों करें अन्य के लिए?



ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर