नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) की तैयारी बिल्कुल आसान नहीं होती और सालों के प्रयास के बाद भी लाखों छात्रों को सफलता नहीं मिल पाती है. इस असफलता की वजह से कई छात्र तैयारी छोड़ देते हैं, लेकिन कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते हैं जो कई प्रयासों के बाद एग्जाम क्लियर कर लेते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी दिल्ली की रहने वाली कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) की है, जिन्होंने पहले प्रयास में असफल होने के बाद दूसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम पास कर किया.


साइकोलॉजी को बनाया ऑप्शनल सब्जेक्ट


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कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया और जब उन्होंने यूपीएससी एग्जाम देने को मन बनाया तो अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट साइकोलॉजी ही चुना. ग्रेजुएशन पूरा होते ही कनिष्का ने सिविल सेवा एग्जाम देने का मन बना लिया और इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी.


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प्रीलिम्स परीक्षा भी नहीं कर पाईं पास


कड़ी मेहनत के बाद कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने साल 2017 में पहली बार सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) का पहला अटेम्प्ट दिया. अपने पहले प्रयास में कनिष्का प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थीं. पहले प्रयास में मिली असफलता के बाद कनिष्का ने हार नहीं मानी और दूसरा अटेम्प्ट देने का फैसला किया.



पहले प्रयास में कनिष्का से हुई थी ये गलती


DNA की रिपोर्ट के अनुसार, पहले प्रयास में मिली असफलता के बाद कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने सबसे पहले गलतियों को लेकर एनालिसिस किया. कनिष्का मानती हैं कि पहले अटेम्प्ट की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा के लिए जरूरत के अनुसार मॉक टेस्ट नहीं दिए थे, जिसकी वजह से वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं.


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कनिष्का ने बदली एग्जाम तैयारी की रणनीति


फर्स्ट अटेम्प्ट में हुई गलतियों से कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने सबक सीखा और अपनी तैयारी की रणनीति में बदलाव किया. दूसरे प्रयास के लिए तैयारी करते समय उन्होंने पहले हुई गलती को सुधारा. पहले अटेम्प्ट की तैयारी के दौरान कनिष्का ने करीब 10 मॉक टेस्ट दिए थे, वहीं दूसरे अटेम्प्ट में उन्होंने 60 मॉक टेस्ट में हिस्सा लिया.



एग्जाम के लिए मॉक टेस्ट देना काफी नहीं


कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने दूसरे अटेम्प्ट से पहले करीब 60 मॉक टेस्ट दिए, लेकिन उनका मानना है कि यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी के लिए सिर्फ मॉक टेस्ट देना काफी नहीं होता है, बल्कि पहले से पढ़ी हुई चीजों को रिवाइज करना भी बहुत जरूरी है. कनिष्का का कहना है कि अपनी गलतियों को दूर करने और सफलता पाने के लिए रिवीजन एकमात्र तरीका है.


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दूसरे प्रयास में कनिष्का को मिली सफलता


अपनी गलतियों से सबक लेते हुए कनिष्का सिंह (Kanishka Singh) ने सुधार किया और साल 2018 में दूसरी बार वो फिर से यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) में बैठीं. दूसरे प्रयास में कनिष्का ने सफलता हासिल की और आईएफएस अफसर बन गईं. कनिष्का फिलहाल मास्को (रूस) स्थित भारतीय दूतावास में तैनात हैं.


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